News: वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (वीएनएसजीयू) में श्री राम जन्मभूमि इतिहास का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के इतिहास को लेकर यह देश का पहला पाठ्यक्रम होगा।
जिसमें 1528 में तोड़े गए मंदिर से लेकर 2024 में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर के इतिहास से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा।
प्रवेश की न्यूनतम आयु 12 वर्ष तय की गई है। 30 घंटे के कोर्स को VNSGU की एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी दे दी है।
विवि के हिन्दू अध्ययन केंद्र में इसमें प्रवेश के लिए 26 जनवरी से पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। 15 फरवरी से इसे पढ़ाना शुरू कर दिया जाएगा
भारतीय समाज पर रामायण का प्रभाव, 1528 से लेकर 2024 तक की श्रीरामजन्मभूमि मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को शामिल किया गया है।
मंदिर पर हमला और विध्वंस, बाबर कौन था, मंदिरों को तोड़ने के पीछे की मंशा क्या थी? मंदिर टूटने के बाद अवध के राजा महताप सिंह का संघर्ष, 1858 में निहंग सिक्खों की मंदिर निर्माण के लिए कार सेवा और तीन हजार महिलाओं की टुकड़ी के संघर्ष को भी पढ़ाया जाएगा।
इसके अलावा मंदिर निर्माण के लिए लड़ी गई कानूनी लड़ाई से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक जैसे बिंदुओं का भी समावेश किया गया है।
VNSGU के हिंदू अध्ययन विभाग के संयोजक बालाजी राजे ने बताया कि 15 फरवरी से पढ़ाई प्रारंभ होगी। इस कोर्स में आने वाली पीढ़ी सनातन के संघर्ष को जान सके, इस उद्देश्य से प्रवेश की उम्र न्यूनतम 12 वर्ष रखी गई है। इस कोर्स को करने पर विद्यार्थी को दो क्रेडिट अंक मिलेंगे।