बृज 84 में संत विजय दास की मौतः भरतपुर में चल रहे आदिबद्री धाम और कनकांचल पहाड़ियों को बचाने के लिए अवैध खनन और बचाव आंदोलन के दौरान संत विजय दास के आत्मदाह का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है।
सरकार द्वारा मांगे मानने के बावजूद संत अपने साथी महंत के बलिदान के लिए लामबन्द हो गए हैं। स्थानीय संतो ने संत विजयदास के आत्मदाह के मामले में खोह थाने में FIR दर्ज करायी है।
संतों ने राज्य मंत्री जाहिदा खान, खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया और मंत्री रामलाल जाट समेत 5 के खिलाफ नामजद शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने मामला दर्ज करने से पहले अधिकारियों को पास भेजा है।
बृज भूमि में चल रहे इस अवैध खनन के खिलाफ पिछले लगभग 12 साल से आंदोलन चल रहा है। साधु संत श्री कृष्ण की लीलास्थलियों को बचाने के लिए पिछले एक दशक से ज्यादा से संघर्ष कर रहे हैं।
इसी जद्दोजहद में अपने आराध्य की पूज्यस्थली को बचाने के लिए संत विजयदास ने अपने प्राणों तक की आहुति तक दे दी।
श्री मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री बाबा गोपेश ने राज्य मंत्री जाहिदा खान और दो अन्य मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
उन्होंने संत विजय दास के आत्मदाह के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराया।
साधु-संतों ने शिकायत में लिखा है कि पिछले 12 साल से पहाड़ों को बचाने का आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने कभी नहीं सुनी।
आपको बता दें कि राजस्थान के भरतपुर के पासोपा इलाके में साधु-संत बृज क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. संतों की मांग है कि बृज क्षेत्र में खनन तत्काल बंद किया जाए।
इसको लेकर संत समाज डेढ़ साल से अधिक समय से धरने पर है। आरोप है कि राजस्थान सरकार में मंत्री जाहिदा खान और उनके बेटे साजिद के दबाव में स्थानीय प्रशासन ने खुली छूट दी है, जिससे खनन नहीं रोका जा रहा है।
इसको लेकर तत्कालीन जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। आरोप है कि स्थानीय विधायक जाहिदा खान, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व खनन व्यवसायियों की मिलीभगत से क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया गया।