संत समाज ने मंत्रियों के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत  
राष्ट्रीय

संत विजय दास की मौत का मामलाः 3 मंत्रियों समेत 5 के खिलाफ संतों ने दर्ज कराई शिकायत

बृज 84 में संत विजय दास की मौतः संत समाज ने खनन मंत्री सहित 3 मंत्रियों और प्रशासन को ठहराया बाबा की मौत का जिम्मेदार, खनन मंत्री प्रमोद जैन, राज्यमंत्री जाहिदा खान और मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ शिकायत कराई दर्ज

Ravesh Gupta

बृज 84 में संत विजय दास की मौतः भरतपुर में चल रहे आदिबद्री धाम और कनकांचल पहाड़ियों को बचाने के लिए अवैध खनन और बचाव आंदोलन के दौरान संत विजय दास के आत्मदाह का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है।

सरकार द्वारा मांगे मानने के बावजूद संत अपने साथी महंत के बलिदान के लिए लामबन्द हो गए हैं। स्थानीय संतो ने संत विजयदास के आत्मदाह के मामले में खोह थाने में FIR दर्ज करायी है।

संतों ने राज्य मंत्री जाहिदा खान, खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया और मंत्री रामलाल जाट समेत 5 के खिलाफ नामजद शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस ने मामला दर्ज करने से पहले अधिकारियों को पास भेजा है।

12 साल का आंदोलन, एक संत की बलि, तब रूका खनन

संत समाज 12 साल से कर रहा आंदोलन

बृज भूमि में चल रहे इस अवैध खनन के खिलाफ पिछले लगभग 12 साल से आंदोलन चल रहा है। साधु संत श्री कृष्ण की लीलास्थलियों को बचाने के लिए पिछले एक दशक से ज्यादा से संघर्ष कर रहे हैं।

इसी जद्दोजहद में अपने आराध्य की पूज्यस्थली को बचाने के लिए संत विजयदास ने अपने प्राणों तक की आहुति तक दे दी।

श्री मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री बाबा गोपेश ने राज्य मंत्री जाहिदा खान और दो अन्य मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

उन्होंने संत विजय दास के आत्मदाह के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराया।

साधु-संतों ने शिकायत में लिखा है कि पिछले 12 साल से पहाड़ों को बचाने का आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने कभी नहीं सुनी।

बृज क्षेत्र में खनन तत्काल बंद किया जाए- संत समाज

आपको बता दें कि राजस्थान के भरतपुर के पासोपा इलाके में साधु-संत बृज क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. संतों की मांग है कि बृज क्षेत्र में खनन तत्काल बंद किया जाए।

इसको लेकर संत समाज डेढ़ साल से अधिक समय से धरने पर है। आरोप है कि राजस्थान सरकार में मंत्री जाहिदा खान और उनके बेटे साजिद के दबाव में स्थानीय प्रशासन ने खुली छूट दी है, जिससे खनन नहीं रोका जा रहा है।

आरोप है कि 10 महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दोनों पर्वतीय क्षेत्रों को वन क्षेत्र में शामिल करने पर सहमति जताई थी।हाल ही में संत विजयदास के आत्मदाह वाले दिन सरकार ने 15 दिन के अंदर खनन को बंद करने की बात कही है। देखना होगा कि ये वादा कितनी जल्दी पूरा होता है।

इसको लेकर तत्कालीन जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। आरोप है कि स्थानीय विधायक जाहिदा खान, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व खनन व्यवसायियों की मिलीभगत से क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया गया।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार