एक और जहां भारत में कुछ समय से कोरोना की दर कम दिखाई दे रही है, वहीं अब चाइना, साउथ कोरिया और इजरायल में कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर कोरोना को लेकर भारत की चिंता बढ़ा दी है।
ऐसे में सरकार ने वैक्सीनेशन की स्पीड भी बढ़ती जा रही है। इसी को लेकर नेशनल टेक्निकल एडवाइज़री ग्रुप ऑफ़ इम्यूनाइजेशन ( NTAGI ) ने सरकार के सामने कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज़ के बीच के अंतराल को कम कर 8 से 16 हफ्ते करने के लिए सिफ़ारिश की है।
फिलहाल कोविशील्ड की दूसरी डोज़ राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति के तहत 12 -16 हफ़्तों के बीच दी जा रही है। अब सरकार तय करेंगी की NTAGI की इस सिफ़ारिश पर अमल करना है कि नहीं।
NTAGI द्वारा की गई यह सिफ़ारिश अभी तक राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति के अंतर्गत लागू नहीं हुई है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया है कि NTAGI की यह राय प्रोग्रामेटिक डेटा से प्राप्त वैश्विक वैज्ञानिक साक्ष्य पर आधारित है, जिसके अनुसार कोविशील्ड की दूसरी डोज़ चाहे 8 हफ़्ते बाद दी जाए या 12 से 16 हफ़्ते बाद, हमारी बॉडी में उससे बनने वाली एंटीबॉडी का रिस्पॉन्स एक जैसा ही रहता है।
मेदांता मेडिसिटी के सर्जन और प्रमुख लीवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ अरविंदर सोइन ने बताया था कि 12 से 16 सप्ताह के वर्तमान अंतराल में दो समस्याएं हैं: पहला, यह एक खुराक के साथ लोगों को डेल्टा संस्करण के साथ गंभीर कोविड के जोखिम के लिए उजागर करता है, और दूसरा, यह आगे के उत्परिवर्तन और नए रूपों के विकास को बढ़ावा देता है। अगर यह फैसला लागू हो जाता है, तो देश में कोविशील्ड की दूसरी खुराक लेने वालों की तादाद तेजी से बढ़ेंगी।