कांग्रेस की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के परिवार और करीबियों से जुड़े 10 ठिकानों पर आयकर विभाग ने एक साथ दबिश दी। गुरुवार देर शाम तक की कार्रवाई में 200 करोड़ कैश बरामद किया गया है, जिसकी गिनती अभी भी जारी है।
धीरज साहू के परिवार के सदस्य शराब बनाने वाली कंपनी बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनी से जुड़े हैं। यह ग्रुप पश्चिमी ओडिशा में सबसे बड़े देसी शराब निर्माता-विक्रेता में से एक है।
आयकर टीम को कंपनी के ऑफिस में 9 अलमारियों में नोट भरे मिले। झारखंड-ओडिशा-बंगाल में यह अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी बताई जा रही है। यह कंपनी बौध डिस्टलरी की साझेदार है और इसका तीन राज्यों में कारोबार फैला हुआ है।
बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज में सीधे तौर पर राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के अलावा उनके परिवार के राज किशोर साहू, स्वराज साहू और अन्य सदस्य शामिल हैं।
ओडिशा का कारोबार दीपक साहू और संजय साहू संभालते हैं। रांची और लोहरदगा आवास पर छापे के दौरान सभी गायब मिले। बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज के दफ्तरों में 9 अलमारियों में नोट भरे हुए रखे थे।
छापेमारी को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसा है। पीएम ने लिखा है कि देशवासी इन नोटों के ढेर तो देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के भाषण को सुनें। आगे उन्होंने लिखा है कि जनता से जो लूटा है। उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी। यह मोदी की गांरटी है।
धीरज साहू के रिश्तेदारों के नाम पर ओडिशा में शराब का बड़ा कारोबार है। बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप से लोहरदगा की है।
इस कंपनी ने 40 साल पहले ओडिशा में देसी शराब बनानी शुरू किया था। बता दें कि इस कंपनी की बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड से साझेदारी है।
कंपनी की बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड (फ्लाई ऐश ब्रिक्स), क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड (आईएमएफएल ब्रांड की बिक्री और मार्केिटंग) भी इसमें शामिल है।
जानकारी के अनुसार 157 बैगों में नोटों को भरकर बैंक पहुंचाया गया है। जब बैग कम पड़ गए तो बोरों को खरीदकर उसमें बरकर ट्रक से सारा रूपया ले जाया गया है।