लैंड जिहादः हाल ही में गुजरात से लैंड जिहाद का एक मामला सामने आया है। गुजरात के खेड़ा में मुसलमानों ने जालसाजी कर और हथकंडे अपना कर 400 करोड़ रूपए की 2000 बीघा जमीन खरीद कर अपने नाम करा ली।
जांच में सामने आ रहा है कि 2012 से अब तक इस जमीन की खरीद- फरोख्त में 628 मामले डाउटफुल पाए गए हैं। फिलहाल इस मामले में 500 से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी कर सबूत पेश करने को कहा गया है।
लव जिहाद तो आपने सुना ही होगा, लेकिन अब एक नया टर्म सामने आया है। टर्म है “लैंड जिहाद, दरअसल देश में कई जगह ऐसे मामले सामने आए हैं जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक जगह पर रहना शुरू किया तो धीरे धीरे वो इलाका मुस्लिम बहुल ही बन गया।
ताजा मामला तो ये है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गुजरात में जालसाजी करके 400 करोड़ की जमीन हथिया ली है। इस तरीके से एक इलाके में डेमोग्राफिक चेंज आने को ही लैंड जिहाद कहा जा रहा है।
देश के एक प्रेस्टिजिअस अखबार दैनिक भास्कर की पड़ताल ये मामला चर्चा में आया है। बताया जा रहा है कि राज्य के राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी खुद मतार तहसील के कार्यालय में पहुँचे, जहाँ उन्होंने जानकारी दी कि 1930 मामलों की जाँच की गई है। 400 करोड़ रुपए की 2000 बीघा जमीन फर्जी किसानों के मिलते-जुलते नामों के साथ खरीद ली गई है।
मंत्री ने कई मामलों में अधिकारियों पर भी लापरवाही का आरोप लगाए हैं। मामले को लेकर उन्होने सवाल किया कि एक विशेष कौम के लोग भला एक ही क्षेत्र में सामूहिक रूप से जमीन क्यों खरीद रहे हैं? इसकी जाँच की जाएगी कि इनकी मंशा क्या है।
इसके लिए रुपए कहाँ से आए और किन लोगों ने दिए, इसे भी उन्होंने जाँच का विषय बताते हुए कहा कि पुलिस के साथ-साथ इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री भी हो सकती है।
हालांकि सवाल जायज है क्योंकि इसी मामले में वणसर इलाके में तो प्राणनाथ महादेव मंदिर की जमीन बेचने के लिए मंदिर का नाम ही बदल दिया गया।
15 अप्रैल, 2013 को खेड़ा के डीएम ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी किया था। इसी तरह साणंद तहसील में एक हिन्दू जमीन धारक की वसीयत में मुस्लिम का नाम जोड़ दिया गया।
इस तर्ज पर मतार में भी कई जमीनें खरीदी गईं। अहमदाबाद में कमलभाई उपनाम को कमालबाला कर दिया गया और विरासत सम्बन्धी प्रक्रिया के तहत पीढ़ीनामा इसी अनुसार तैयार कर दिया गया। कमाल में वाला उपनाम जोड़ कर सौदे किए गए। एक तो ऐसा नाम जोड़ा गया है, जिसमें बेटे की उम्र 51 साल और माँ की आयु 49 साल दिखाई गई है। ऐसे कई सार गड़बड़ सामने आई हैं।
ये तो इस मामले की बात हुई इसके अलावा ऑपइंडिया के मुताबिक गुजरात के द्वारिका में 7000 परिवार रहते हैं जिनमें से 6000 परिवार मुसलमान हैं, मात्र 1000 परिवार हिन्दुओं के हैं.. ध्यान रहे ये वही द्वारिका है जहां से भगवान श्री कृष्ण ने गुजरात पर शासन किया था। हिन्दु बहुल देश में हिन्दुओं तीर्थ स्थल का मुस्लिम बहुल होना वाकई में सोचने पर मजबूर करता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि ये कोई एकमात्र या पहला मामला नहीं है जहां पर इस तरह से जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। ऐसी कई मामले सामने आते रहे हैं। पूरे देश से ऐसे मामले सामने आये हैं लेकिन या तो लोग डर की वजह से शिकायत नहीं करते या फिर शिकायत के बावजूद मिलीभगत होने से प्रशासन कार्रवाई नहीं करता ।
संविधान के अनुसार हर भारतीय नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में बसने का अधिकार है और संविधान में यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी के भी साथ कोई भेदभाव न हो। यहीं नहीं संविधान प्रत्येक भारतीय को सुरक्षा भी देता है। अगर कश्मीर जैसी जगहों के भारत के इतिहास को देखें तो यहाँ जनसंख्या में परिवर्तन के कारण हिंदुओं को अपनी जान और धार्मिक पहचान बचाने के लिए पलायन करना पड़ा था। लेकिन गुजरात जैसे क्षेत्रों में हो रहा डेमोग्राफिक चेंज एक हकीकत है और इसे एक चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए।