Kesariya Mahapanchayat: राजस्थान में अब राजपूत समाज अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है। 2 अप्रैल को जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की ओर से ‘केसरिया महापंचायत’ का आह्वान किया गया है। जिसकी तैयारियां जोरों-शोरों चल रही है।
इस महापंचायत की तैयारियों के सिलसिले में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के सुप्रीमों सुखदेवसिंह गोगामेड़ी जगह-जगह पहुंचकर पोस्टर विमोचन तथा राजपूत समाज के सभी नेताओं को मंच पर एक साथ लाने का प्रयास कर रहे है।
गोगामेड़ी के नेतृत्व में आयोजित 'केसरिया महापंचायत' में रैली का आयोजन किया जायेगा। यह रैली प्रताप नगर, हल्दीघाटी मार्ग होते हुए मोती डूंगरी गणेश मंदिर तक पहुंचेगी। जिसके बाद सभी राजपूत लोग विद्याधर नगर स्टेडियम पहुंचकर 'केसरिया महापंचायत' का हिस्सा बनेंगे।
Kesariya Mahapanchayat: राजपूत समाज की ओर से इस महापंचायत में क्षत्रिय जनकल्याण बोर्ड और ईडब्ल्यूएस के आरक्षण को 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने तथा ओबीसी की तर्ज पर पंचायत चुनाव में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने आदि की मांग उठाई जाएगी।
इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा ईडब्लूएस आरक्षण में लगाई गई शर्तों को राज्य सरकार की तरह हटाने की मांग प्रमुखता के साथ की जाएगी। इसी लिए ये महापंचायत बुलाई जा रही है।
Kesariya Mahapanchayat: राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के सुप्रीमों सुखदेवसिंह गोगामेड़ी जनसंपर्क के माध्यम से सभी राजपूतों नेताओं से मिलकर एकजुट करने के प्रयास कर रहे है। गोगामेड़ी राजस्थान सरकार में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी से मिले। जहां उन्होंने पोस्टर विमोचन किया और साथ ही महापंचायत में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की।
Kesariya Mahapanchayat: इसके साथ ही राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के सुप्रीमो सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पूर्व मंत्री व विधायक विद्याधर नगर विधानसभा नरपत सिंह जी राजवी से मिले। जहां राजवी की ओर से पोस्टर विमोचन किया गया और साथ ही उन्होंने राजपूत समाज से आग्रह किया कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में 2 अप्रैल को जयपुर आयेl
Kesariya Mahapanchayat: 2 अप्रैल 2023 को आयोजित होने वाली 'केसरिया महापंचायत' को लेकर श्री क्षत्रिय युवक संघ के भगवान सिंह रोलसाबसर साहब और महावीर सिंह सरवड़ी से मिले और पोस्टर विमोचन किया।
Kesariya Mahapanchayat: गोगामेड़ी ने उदयपुर में केसरिया महापंचायत का पोस्टर विमोचन करते हुए पत्रकारों से वार्ता करते हुए आरक्षण के मामले में कहा कि जिन वर्गों को आरक्षण मिल रहा है उनमें अच्छे स्तर पर पहुंच चुके परिवारों को आरक्षण स्वयं त्यागना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि जाट समाज थोड़ा एकत्रित होकर सरकार को आंख दिखाता है और अपनी मांगे मनवा लेता है जबकि राजस्थान के 17 जिलों में जाट समाज के लोग ही नहीं है।
Kesariya Mahapanchayat: गोगामेड़ी ने आगे कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में क्षत्रिय समाज का प्रतिनिधित्व लगातार घट रहा है। राजस्थान में 1.35 करोड़ होने के बावजूद सरकारी आंकड़ों में करीब 90 लाख राजपूत जनसंख्या बताई जाती है।
उन्होंने कहा कि यदि हम छोटे-बड़े राजपूत का भेद हटा दें तो 4 करोड़ हो जाएंगे। भेदभाव दूर करने के लिए बेटी व्यवहार भले ही न सही, रोटी व्यवहार तो करना ही चाहिए।