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NYT Article: मित्रता की बात, एजेंडा..मोदी को आघात! जानें अमेरिकी, ब्रिटेन से क्यों होता है दुष्प्रचार?

Om prakash Napit

NYT Article: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकास की दौड़ में नित नए आयाम छू रहा है। प्राय: हर क्षेत्र में भारत तरक्की कर रहा है और आत्मनिर्भर होता जा रहा है। कल तक जो घातक हथियार, मिसाइलें हम विदेशों से आयात करते थे वे अब हम खुद निर्यात करने लगे हैं। मोदी के नेतृत्व में विश्व के अधिकांश देश भारत के मित्र देश बनते जा रहे हैं। इसके चलते खुद हमारी पीएम मोदी की छवि वैश्चिक स्तर पर नंबर वन की हो गई है।

ऐसे में भारत और हमारे पीएम मोदी कुछ विकसित देशों की आंखों में घटक रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश ऊपर से भले ही हमारे मित्र होने का दिखावा करें, भीतर से चिढ़ते भी हैं। इसके कई उदाहरण हाल ही में हमारे सामने आ चुके हैं। इसमें अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस का बयान, अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट, बीबीसी की डॉक्यूमेंटी, न्यूयार्क टाइम्स का हालिया विवादित लेख ये सब साबित करने के लिए काफी हैं।

इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों से भारत विरोधी ताकतें अपने एजेंडे चलाकर भारत को बदनाम करने की कौशिशें करती रहती हैं। मुस्लिम कट्‌टरवाद पनपाया जाता है। खालिस्तानी मूवमेंट के लिए चालें चली जाती हैं। कश्मीर मसले पर भारत की छवि बिगाड़ने के प्रयास होते हैं। भारत में प्रथकतावादी संगठनों और लीडरों को विदेश से फंडिंग दी जाती है, ताकि वे अपना भारत विरोधी मूवमेंट चला सकें।

विदेशों से मोदी विरोधी दुष्प्रचार के कुछ उदाहरण

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट

अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने आसमान छूने को बेताब ग्रुप और इसके मुखिया गौतम अडानी के होश फाख्‍ता कर दिए। हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट में ग्रुप पर बड़े आरोप लगे। मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर अकाउंटिंग फ्रॉड तक। ग्रुप के भारी-भरकम कर्ज के बारे में पहले से ही चिंता जताई जाती थी। कई और बातों को लेकर भी सुगबुगाहट थी। लेकिन, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने इस सुगबुगाहट को घरेलू से अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहुंचा दिया। रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर औंधे मुंह नीचे गिरे, जिससे विश्व में दूसरे नंबर की सख्सियत गौतम अडानी 20वें पायदान से भी नीचे चले गए।

अमेरिकी उद्योगपति का बयान

अमेरिका के अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस ने 16 फरवरी 2023 को जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से पहले टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। यहां उन्होंने भारत, पीएम मोदी और हालिया गौतम अडानी मुद्दे पर टिप्पणी की। बकौल सोरोस, भारतीय व्यवसायी गौतम अडानी के हालिया संकट से 'भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'सवालों का जवाब देना' होगा। सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। दावा किया है उनके भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी से मधुर संबंध हैं। उसने कहा, मोदी और अडानी करीबी सहयोगी हैं। उनका भाग्य आपस में जुड़ा हुआ है।

BBC की डॉक्यूमेंटी

विदेशी मीडिया (BBC) ने गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंटी बनाकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को धूमिल करने के लिए विदेशी मीडिया की ओर से यह कृत्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को विश्व लीडर के तौर पर देखना विदेशी मीडिया को रास नहीं आ रहा है। कहा जा रहा है कि विदेशी मीडिया (BBC) की इस डॉक्यूमेंटी के जरिये देश में सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश है, जिससे कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी वापस देश के प्रधानमंत्री नहीं बने।

ब्रिटेन में सक्रिय पृथकतावादी

ब्रिटेन में सक्रिय पृथकतावादियों ने खालिस्तान के समर्थन में ब्रिटेन के कई नगरों में तथाकथित जनमत संग्रह का आयोजन किया था। खालिस्तानी तत्वों ने पृथकतावादी कश्मीरी संगठनों के साथ मिलकर भारतीय उच्चायोग के समक्ष विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए थे। इस संबंध में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने भारत को आश्वस्त किया था कि वह अपनी भूमि पर खालिस्तानी ताकतों की भारत विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

अब न्यूयार्क टाइम्स का विवादित लेख

अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने बुधवार को 'India Is Arming Villagers in One of Earth’s Most Militarized Places' से एक ओपिनियन लेख छापा है। लेख में आरोप लगाया है कि दुनिया के सबसे अधिक सैन्यीकृत स्थानों में से एक जम्मू कश्मीर में भारत सरकार ने हजारों नागरिकों को हथियार उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। ये लंबे समय से अशांत रहे जम्मू कश्मीर को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आक्रामक रुख की सीमा को दिखाता है। ओपिनियन में लिखा गया है कि जम्मू कश्मीर में हिंदू परिवारों पर किए गए लक्षित आतंकवादी हमलों के जवाब में स्थानीय लोग हथियार उठा चुके हैं। दिन में वो ड्राइवर, दुकानदार और किसान होते हैं और रात में वो स्थानीय मिलिशिया के सदस्य। उनकी राइफलें उनके कंधों पर लटकी हुई होती हैं।

क्यों खल रहे पीएम मोदी?

  • इस समय पूरे विश्व में भारत हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, जो अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों को खल रहा है।

  • पीएम मोदी की छवि वैश्चिक स्तर पर नंबर वन की है। हाल ही में अमेरिका की चर्चित सर्वेक्षण एजेंसी के ताजा सर्वे में पीएम मोदी को 22 देशों के नेताओं में पहला स्‍थान मिला है।

  • पीएम मोदी की विदेश नीति की बदौलत पूरे विश्व में भारत के मित्र देश की संख्या में खासा इजाफा हुआ है।

  • इस समय पूरे विश्व में आर्थिक मंदी का माहौल है। हमारे पड़ौसी देश श्रीलंका, पाकिस्तान तो बुरी तरह कंगाली के कगार पर हैं, जबकि भारत की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ है। यह बात भारत विरोधी ताकतों को नागवार लग रही है।

'द संडे गार्जियन' का दावा इसकी सच्चाई!

विदेशी अखबार 'द संडे गार्जियन' ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ऐसी साजिश चल रही है जिसमें विदेशी भी शामिल हैं। ये साजिश है 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को रोकने के लिए की जा रही है। अखबार ने दावा किया कि पिछले 3 महीनों में लंदन से लेकर राजधानी दिल्ली तक अलग-अलग बैठकें की जा चुकी हैं। पिछले तीन महीनों में 3 बैठकें सिर्फ दिल्ली में हुई हैं। इन बैठकों में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें मोदी सरकार की कमजोरियों को हाइलाइट करना, सरकार के खिलाफ नेगेटिव परसेप्शन बनाना, 2024 चुनाव से छह महीने पहले सरकार के खिलाफ बड़ा कैंपेन चलाना शामिल हैं।

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