ओडिशा में, पद्म श्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले नृत्य करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद परजा आदिवासी समुदाय में आक्रोश फैल गया है। कमला पुजारी के साथ इस व्यवहार पर न सिर्फ आदिवासी समुदाय ने आपत्ति जताई है। बल्कि उन्होंने उस महिला कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिसने उसे जबरदस्ती डांस कराया।
कोरापुट में आदिवासी समुदाय के परजा समाज के अध्यक्ष हरीश मुदुली ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता की पहचान ममता बेहरा के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ममता के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो समुदाय के लोग सड़क पर उतरेंगे।
मैं ऐसा कभी नहीं करना चाहती थी, लेकिन मुझे मजबूर किया गया। मैं बार-बार मना करती रही, लेकिन उसने (ममता बेहरा) मेरी एक नहीं सुनी। मैं बीमार थी, मैं बहुत थक गई थी00, लेकिन वह बार-बार नाचने पर जोर देती रही।कमला पुजारी
मेरा कोई गलत इरादा नहीं था। मैंने बुरे इरादे से नाचने के लिए नहीं कहा था, मैं केवल कमला पुजारी की थकान और आलस्य दूर करने के लिए नाचने के लिए कह रही थी।ममता बेहरा
कमला पुजारी के साथ डांस करने वाली महिला उनके पास अक्सर आती रहती थी। हालांकि जब यह घटना हुई तब अस्पताल की नर्सें वहां नहीं थीं। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि कमला पुजारी को आईसीयू में नहीं, बल्कि एक विशेष केबिन में भर्ती कराया गया था।रजिस्ट्रार प्रशासन डॉ. अविनाश राउत
कमला पुजारी को 2019 में जैविक खेती को बढ़ावा देने और धान सहित विभिन्न फसलों के स्वदेशी बीजों की 100 से अधिक किस्मों के संरक्षण के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लीवर संबंधी समस्या होने पर उन्हें कटक के एससीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।