बिहार की राजधानी पटना आए दिन चर्चा में आती रहती है, हर बार कोई न कोई नया कारण होता है लेकिन इस बार जिस कारण से पटना चर्चा में है उसने पूरे देश को सकते में आ गया है।
पटना में आतंकियों के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के इनपुट पर 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके मंसूबे इस देश को दहलाने के थे, इनकी प्लानिंग उदयपुर और अमरावती की तरह बदला लेने की थी । ये आतंकी कुछ ही दिनों में कुछ और गले उतारने वाले थे । इस काम के लिए इनकी 15 दिन से खास ट्रेनिंग चल रही थी ।
गिरफ्तार किए गए आतंकियों ने बताया कि एक “खास समुदाय के लोगों” को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस पटना टेरर मॉड्यूल केस में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो एक खास समुदाय के लोगों को प्रशिक्षित कर रहे थे ।
प्रधानमंत्री को दौरे से मात्र एक दिन पहले पुलिस ने पहले तो दो आतंकी अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया और फिर तीन और संदिग्धों को गिरफ्त में लिया जिनके नाम हैं मरगूब दानिश, अरमान मलिक और शब्बीर आलम।
अतहर परवेज ने पुलिस को खुद बताया
इस साजिश में 26 लोग शामिल थे और इन लोगों की पटना में ट्रेनिंग चल रही थी। ये सभी लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से PFI और SIMI से जुड़े हुए थे ।अतहर परवेज
अरमान मलिक PFI की मीटिंग में शामिल होता था। भारत में रहकर भारत को बर्बाद करने की साजिश कर रहे ये लोग आखिर किसके सगे हैं। कुल 26 लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
गिरफ्तार किए गए आतंकियों में अतहर परवेज के अलावा दूसरा आतंकी जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा था। जलालुद्दीन आखिर पुलिसिया होकर भी देश का न हो सका । पुलिस में रहने के बाद में जाने कैसे और कब से उसके जेहन में देश के टुकड़े करने का ये ख्याल पनप रहा था।
पुलिस में मिली हथियारों की ट्रेनिंग को वो मुस्लिम युवाओं को देश के या यूं कहें कि हिंदुओं के खिलाफ खड़े करने के लिए इस्तेमाल कर रहा था और उनको हथियार चलाना सिखा रहा था।
इस गिरफ्तारी में एक बड़ी और बेहद महत्वपूर्ण बात सामने आई है । पुलिस को आतंकियों के पास से इंडिया 2047 नाम का दस्तावेज बरामद हुआ है ।
फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस की दूसरी मंजिल में चल रहे ट्रेनिंग में देश को इस्लामिक देश बनाने और उदयपुर और अमरावती कांड की तरह बदला लेने की ट्रेनिंग की जा रही थी।
पुलिस ने इनके ठिकानों से कई बैनर और वीडियो सहित कई दस्तावेज बरामद किए हैं जो इनकी हिंदू विरोधी सोच को जाहिर करते हैं। इनकी कट्टरता का सच सबके सामने लेकर आता है कि आखिर किस तरीके से ये लोग भारत को एक कट्टर इस्लामिक देश बनाने की साजिश कर रहे थे।
इस टेरर मॉड्यूल केस में गिरफ्तार हुए अतहर परवेज को लेकर एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। पटना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।
पुलिस ने दावा किया है कि “एक खास समुदाय” के लड़कों का ब्रेनवॉश करने के बाद उन्हें अतहर परवेज प्रशिक्षण दे रहा था । इसके अलावा अतहर परवेज का भाई मंजर आलम पटना के गांधी मैदान में साल 2013 में पीएम मोदी की हुंकार रैली और गया में हुए बम धमाकों के आरोपों में गिरफ्तार हुआ था। फिलहाल वो जेल में है।
अब दूसरा भाई भी जेल पहुंच चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार भी पटना में हुई पीएम मोदी की रैली में गड़बड़ी फैलाने की साजिश थी, जो कि नाकाम रही ।
फिलहाल इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और नेशनल इंटैलिजेंस एजेंसी को सौंपी गई है। पुलिस की छापेमारी में पता चला कि इनके बैंक अकाउंट से 80 लाख रूपए से ज्यादा के ट्रांजेक्सन हुए हैं। मामले के बारे में फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार ने बताया कि
ये मिशन 2047 पर काम कर रहे थे। ये लोग भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। इसी टारगेट को पूरा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।ASP मनीष कुमार, फुलवारी शरीफ
अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन दोनों एनजीओ के नाम पर युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे थे। इस ट्रेनिंग में उनका मुख्य उद्देश्य इन युवाओं को और मुस्लिमों के हिंदुओं के खिलाफ भड़काना था। हिंदुओं को काफिर साबित करना था। ये दोनों मुस्लिम नौजवानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दिया करते थे।
इसके बारे में बताते हुए एएसपी मनीष ने बताया कि
मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज दोनों का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं के खिलाफ मुसलमानों को भड़काना था. इन दोनों ने 6 और 7 जुलाई को किराए पर लिए गए ऑफिस में कई युवाओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी. इन्होंने इन युवाओं को चाकू और तलवार चलाना भी सिखाया. साथ ही युवाओं को धार्मिक हिंसा फैलाने के लिए भड़काया भी गया. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ बैंक खाते भी हैं. इनमें परवेज ने लाखों रुपए जुटाए. ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है.ASP मनीष कुमार, फुलवारी शरीफ
संदिग्ध आतंकियों के मन्सूबे नाकाम तो हो गए । लेकिन इनका खुलासा करते हुए पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इनकी ट्रेनिंग का तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा से कर दी । उन्होंने कहा,
'मदरसे से यह लोगों को मोबिलाइज करते थे और कट्टरता की ओर मोड़ रहे थे। इसका मोडना वैसे ही था जैसे शाखा की होती है। RSS की शाखा ऑर्गेनाइज की जाती है और लाठी की ट्रेनिंग होती है, वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने प्रोपोगेंडे के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे।'SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों, पटना