Sanatana Dharma Controversy: सनातन धर्म पर विवाद जारी, अब DMK मंत्री ए राजा और राजद नेता जगदानंद भी मैदान में, पीएम मोदी ने दी प्रतिक्रिया 
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Sanatana Dharma Controversy: सनातन धर्म पर विवाद जारी, अब DMK मंत्री ए राजा और राजद नेता जगदानंद भी मैदान में, पीएम मोदी ने दी प्रतिक्रिया

Pradip Kumar

Sanatana Dharma Controversy: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है, डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन धर्म और एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों के बीच समानताएं बताई हैं।

इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख नेता जगदानंद सिंह ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए धार्मिक तिलक लगाने वालों की आलोचना की है और भारत के इतिहास पर सवाल उठाए हैं।

सनातन धर्म विवाद: ए राजा का बयान

एक सार्वजनिक कार्यक्रम में, ए राजा ने एक बयान दिया जिसने सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों पर पहले से ही गरमागरम बहस को और बढ़ा दिया है।

राजा ने उदयनिधि की पिछली तुलना मलेरिया से करने पर जोर देते हुए सनातन धर्म की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की।

राजा ने तर्क दिया, "इन बीमारियों का कोई सामाजिक कलंक नहीं है। ईमानदारी से कहें तो कुष्ठ रोग को घृणित माना जाता था और एचआईवी को भी।"

उन्होंने लोगों से सनातन धर्म को एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसी सामाजिक दुर्दशाओं वाली एक विश्वास प्रणाली के रूप में देखने का आग्रह किया।

इसके अलावा, ए राजा ने संख्या या हथियार की परवाह किए बिना, किसी के भी साथ सनातन धर्म पर बहस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की।

सनातन धर्म विवाद: जगदानंद सिंह का नजरिया

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस विवाद पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा।

उन्होंने माथे पर तिलक लगाने वालों की आलोचना की और उन पर भारत को गुलाम बनाने का आरोप लगाया।

सिंह ने कहा, "इस देश में मंदिर बनाने या मस्जिद गिराने से काम नहीं चलेगा। हिंदू और मुसलमानों को बांटकर देश नहीं चलेगा।"

सनातन धर्म विवाद: उदयनिधि स्टालिन के विवादास्पद बयान

विवाद तब शुरू हुआ जब उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में भाग लिया और सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की।

उन्होंने आरोप लगाया कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता का विरोध करता है और इसके उन्मूलन का आह्वान किया। उन्होंने इसकी तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू बुखार जैसी बीमारियों से करते हुए कहा कि इनका विरोध नहीं बल्कि इन्हें नष्ट करना चाहिए।

इन टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई, भाजपा के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने उदयनिधि स्टालिन पर सनातन धर्म का पालन करने वाली 80 प्रतिशत आबादी के "नरसंहार" की वकालत करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'सनातन' शब्द संस्कृत से आया है और इसका अर्थ शाश्वत है, जिसका अर्थ है कि इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता या बदला नहीं जा सकता। उन्होंने जातिगत विभाजन को कायम रखने के लिए सनातन धर्म की भी आलोचना की।

सनातन धर्म विवाद: पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक बैठक बुलाई, जहां उन्होंने उनसे सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयानों पर तथ्यात्मक प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया।

पीएम मोदी ने मंत्रियों को विभाजनकारी बयानबाजी में शामिल होने के प्रति आगाह किया और तथ्यों के साथ मुद्दे को संबोधित करने के महत्व पर जोर दिया।

भाजपा ने विपक्षी दलों, विशेष रूप से इंडिया अलायंस की आलोचना करते हुए उन पर सनातन धर्म को वोट बैंक और विभाजनकारी राजनीति के लिए एक राजनीतिक उपकरण के रूप में उपयोग करने का आरोप लगाया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान में एक रैली के दौरान सनातन धर्म से जुड़ी संस्कृति, इतिहास और मान्यताओं को धूमिल करने की कोशिशों पर चिंता जताई। उन्होंने भारत की विविध विरासत के प्रति सम्मान का आह्वान किया।

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