नुपुर शर्मा के बयान के बाद “सर तन से जुदा” के नारे लगाने वाले गौहर चिश्ती का मंसूबा सिर्फ नारा लगाकर लोगों के अंदर आग लगाना ही था । उसका असली मंसूबा था अजमेर और उदयपुर को दंगे की आग में जलाने का ।
करौली दंगों से शुरू हुए सिलसिलेवार दंगों की कड़ी में वो नुपुर शर्मा के विरोध के नाम पर राजस्थान में दो और दंगे जोड़ना चाहता था। गौहर के हैदराबाद से गिरफ्तार होने के बाद पूछताछ में ये बड़ा खुलासा सामने आया है कि गौहर के नापाक इरादे राजस्थान को कुछ और दर्द, आग और दंगे देने वाले थे। इसके लिए उसने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर ट्रेनिंग देना भी शुरू कर दिया था ।
अजमेर और उदयपुर में दंगे करने के लिए गौहर ने साजिश रच ली थी और इसी के लिए 16 जून शाम को उसने खादिम मोहल्ला में खादिमों के साथ मीटिंग की थी। इसी मीटिंग के बाद उसने एक Whatsapp Group बनाया और लोगों को दंगे करने के लिए तैयार करने लगा। ग्रुप का उद्देश्य था लोगों को “सर तन से जुदा” के लिए भड़काना।
अगले दिन यानि 17 जून को इसी ग्रुप के लोगों के साथ गौहर ने मौन जुलूस के बहाने भड़काऊ नारेबाजी की थी। यहीं नही दंगे के लिए इसी दिन वो उदयपुर गया था। बता दें कि गौहर चिश्ती के पास से जब्त तीन मोबाइलों की जांच में फंडिग और प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ाव के खुलासे हो सकते हैं।
जब दूसरे खादिमों को गौहर के नापाक इरादों की खबर लगी तो वो दो गुटों में बंद गए। ज्यादातर खादिम मीटिंग छोड़कर चले गए और ग्रुप भी लेफ्ट कर दिया। आपको बता दें कि गौहर कट्टरपंथी है और NRC और CAA के विरोध में भी राजस्थान में सबसे आगे था।
ऐसे में एक सवाल उठना लाजिमी है कि अगर खादिमों को गौहर के इन इरादों की खबर थी तो उसने पुलिस को शिकायत क्यों नही की? सबके सामने गौहर का विरोध करने वाले ये सब खादिम कहीं मन ही मन ये गौहर के एजेंडे को सपोर्ट कर रहे ? अगर ऐसा नहीं है तो प्रदेश को जलाने की साजिश की शिकायत उन्होंने क्यों पुलिस को नहीं बताई ?
दिन ब दिन गौहर की गिरफ्तारी के बाद नये खुलासे हो रहे हैं। पटना में पकड़े गए पीएफआई के टेरर मॉड्यूल से भी इसका संबंध पाया गया है। तो वहीं अब सामने आया है कि ये अजमेर और उदयपुर में दंगे करवाना चाहता था ।
सवाल है कि आखिर क्यों नुपुर का जवाब देने के लिए इसने प्रदेश को जलाना ही चुना ? कहीं न कही लगता है कि ये नुपुर शर्मा को तो बहाना बना रहा था लेकिन ये असलियत में प्रदेश में आग लगाना चाहता था। नबी की शान में गुस्ताखी करने वाले का विरोध करना है तो संविधान का रूख करने की बजाए क्यों इन्होंने देश में आग लगाने को चुना?