प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को रोकने और सुरक्षा में लगे सेंध के मामले में नया दावा सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की सुरक्षा मे हुई चूक के मामले में जांच समिति गठित करते ही सुप्रीम कोर्ट के 50 से भी अधिक वकीलों को इंटरनेशनल नंबरों से फोन किए गए हैं । ये सभी कॉलों में पीएम मोदी की सुरक्षा में लगी सेंध से सम्बंधित बात की गई । फोन कर रहे व्यक्तियों ने न सिर्फ पीएम मोदी के काफिले की सुरक्षा में लगी सेंध की जिम्मेदारी ली बल्कि वकीलों को इस मामले से दूर रहने की धमकी दी।
पंजाब में एक कार्यक्रम जाते वक्त पीएम मोदी के काफिले को किसानों की भीड़ द्वारा रोक लिया गया था । जिसके बाद सुरक्षा को खतरा देखते हुए पीएम मोदी के काफिले को वापस लौटना पड़ गया था । इस पूरे घटना को लेकर जम कर राजनीति हुई । सुरक्षा मे हुई इस चूक की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी ।
इसी के साथ कोर्ट ने पंजाब और केन्द्र सरकार को अपनी जांच को रोकने का आदेश दिया है । सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मामले को कोर्ट गंभीरता से ले रही है । पंजाब सरकार ने भी ये स्वीकार किया कि सुरक्षा में चूक हुई है किंतु हम यह तय कर रहे हैं कि जांच की दायरा क्या होगा ।
कुछ दिन पहले ही लुधियानी में दिन दहाड़े बम ब्लास्ट किया गया था । इस ब्लास्ट के पीछे SJIका हाथ सामने आया था ।
SJI यानी कि सिख फॉर जस्टिस एक आतंकी संगठन है । लुधियाना हमले का आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी को जर्मनी से गिरफ्तार किया गया था । जांच में सामने आया कि आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी सिख फॉर जस्टिस संगठन से जुड़ा हुआ है । सिख फॉर जस्टिस एक खलिस्तानी संगठन है जिसे भारत सरकार पहले ही बैन कर चुकी है । इस खलिस्तानी संगठन का हेड क्वार्टर अमेरिका में है । इस संगठन से जु़ड़े कई सदस्य राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA के राडार पर हैं ।
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