US MP with Rahul: दो साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता छिन गई है। अब अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक राहुल गांधी पर छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाएगी। इस फैसले से राजनीतिक उबाल आया हुआ है।
इसी बीच भारतीय मूल के प्रभावशाली अमेरिकी सांसद रो खन्ना का एक बयान आया है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता छिनने पर ट्वीट कर प्रहार किया है। रो खन्ना ने ट्वीट किया है, राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है।
अब प्रश्न यह उठता है कि अमेरिकी सांसद रो खन्ना का राहुल गांधी के पक्ष में यूं ट्वीट करना राहुल के प्रति उनका कोई प्रेम है या यह कोई छिपे एजेंडा का एक हिस्सा है। अमेरिका, ब्रिटेन से पीएम मोदी या भारत विरोधी साजिशें कोई नई बात नहीं है। यूं भी पीएम नरेंद्र मोदी की वैश्विक छवि और विश्व में नंबर वन नेता बनने से विकसित देश इसे पचा नहीं पा रहे हैं।
हाल ही में राहुल गांधी का ब्रिटेन दौरा और वहां उनके द्वारा दिए गए बयान भी इसी ओर इशारा करते हैं। राहुल ने ब्रिटेन में पीएम मोदी, आरएसएस और अडानी को लेकर काफी भड़ास निकाली और देश को बदनाम करने वाले बयान दिए। Since Independence की इस खबर से समझें पूरा माजरा।
वहीं, अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने राहुल की अयोग्यता को भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन करार दिया। उन्होंने कहा, यह भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है। राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर, मोदी सरकार हर जगह अभिव्यक्ति की आजादी और भारतीयों की आजादी के अधिकार के लिए मौत की घंटी बजा रही है।
अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, भारतीय लोकतंत्र के हित के लिए आपके पास इस फैसले को पलटने की शक्ति है। बता दें कि रो खन्ना अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर अमेरिकी संसद के कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं।
राहुल गांधी की सजा के मामले में संयुक्त राष्ट्र भी कूद पड़ा। इस वैश्विक संस्था के प्रमुख एंटोनियो गुटेरस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हुई दो साल की सजा की जानकारी संयुक्त राष्ट्र को है। हम समझते हैं कि उनकी पार्टी इस फैसले के खिलाफ अपील की तैयार कर रही है। हम फिलहाल इतना ही कह सकते हैं।
विदेशी अखबार 'द संडे गार्जियन' ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ऐसी साजिश चल रही है जिसमें विदेशी भी शामिल हैं। ये साजिश है 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को रोकने के लिए की जा रही है। अखबार ने दावा किया कि पिछले 3 महीनों में लंदन से लेकर राजधानी दिल्ली तक अलग-अलग बैठकें की जा चुकी हैं।
पिछले तीन महीनों में 3 बैठकें सिर्फ दिल्ली में हुई हैं। इन बैठकों में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें मोदी सरकार की कमजोरियों को हाइलाइट करना, सरकार के खिलाफ नेगेटिव परसेप्शन बनाना, 2024 चुनाव से छह महीने पहले सरकार के खिलाफ बड़ा कैंपेन चलाना शामिल हैं।