News: उत्तर 24 परगना के संदेशखाली से टीएमसी गुंडों के भयावह कारनामे सामने आ रहे हैं। यहां TMC के गुंडों के लिए रेप और गैंगरेप आम बात है।
वो TMC की महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते। मीटिंग में सिर्फ महिलाओं को बुलाते हैं। पति को मरने से बचाना है, तो पार्टी के दफ्तर में आना पड़ेगा।
वहां टीएमसी के गुंडे यौन शोषण करते हैं, लेकिन महिलाओं को चुप रहना पड़ता है। टीएमसी के गुंडे जमीनों पर कब्जा करते हैं, विरोध करने वालों को गैंगरेप की धमकी देते हैं।
यही नहीं, उन्हें जो भी महिला पसंद आ गई, उसे वो रात भर उठाकर ‘भोगते’ हैं और मन भर जाने पर सुबह घर भेज देते हैं।
पश्चिम बंगाल की पुलिस TMC के गुंडों के लिए सहायक का काम करती है। वो पीड़ितों को ही दबाती है।
ये सब उसी संदेशखाली की पीड़ित महिलाएं कह रही हैं, जिन्होंने अब इन अत्याचारों के खिलाफ उठ खड़े होने के ऐलान कर दिया है, और पूरे संदेश खाली में TMC के फरार नेता और ममता बनर्जी के खास शेख शाहजहां और उनके गुर्गों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
8 फरवरी 2024 से संदेशखाली की महिलाएं अब टीएमसी के गुंडों का सामना लाठी-डंडों के साथ कर रही हैं।
इन्हें कंट्रोल करने के लिए 10 फरवरी 2024 को प्रशासन ने धारा-144 तो लगाई, लेकिन TMC गुंडों को अत्याचार करने की पूरी छूट दी।
TMC के गुंडे युवा लड़कों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं और उन्हें आपराधिक गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं। उसने बताया कि TMC के गुंडे नए और पढ़ाई लिखाई वाले बच्चों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल करते हैं।
महिला ने बताया, “बच्चों से कहा जाता है कि ‘दीदी’ उनका पेट भरती हैं। वो राजनीतिक काम नहीं करेंगे तो खाने के लिए मर जाएंगे।TMC के गुंडे उन बच्चों से विपक्षी कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला करवाते हैं, लोगों को परेशान कराते हैं और लूट जैसी वारदात कराते हैं।
वो बच्चों को शराब और हथियार देकर बर्बाद कर रहे हैं। वो शाहजहाँ की पसंद की औरतों को उठाने के लिए दबाव डालते हैं।
Media रिपोर्ट के मुताबिक, TMC कार्यकर्ता और उनके गुंडों ने शेख शाहजहां , उत्तर सरदार और शिबू हाजरा के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर हमला किया और उनका उत्पीड़न किया, तो पुलिस ने उनका हाथ दिया।
एक महिला ने पूरी बात बताते हुए कहा, “हम रात में नींद की एक झपकी तक नहीं ले सके। भारी संख्या में पुलिस वाले बाइकों और कारों पर सवार होकर पहुँचे। वो रात में जोर-जोर से हम सबको धमका रहे थे। हमारे परिवार के मर्द भाग गए थे, क्योंकि उन्हें पुलिस उठा लेती।
पीड़िता का कहना है कि पुलिस हमारे घर में रात 3 बजे घुसी। पुलिस वालों ने मेरे पति को गालियाँ दी और मेरा उत्पीड़न करने की कोशिश की। उन्होंने मेरा पोला (शादीशुदा बंगाली महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला कड़ा) तोड़ दिया। पुलिस ने मेरी बेटी को दूर फेक दिया। वो पुलिस वाले इतने नशे में थे कि वो सही से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।
”संदेशखाली की एक अन्य महिला ने स्थानीय पुलिसकर्मियों की बदतमीजियों के बारे में बताया। एक महिला ने कहा, “पुलिस वाले ने मुझसे पूछा कि मैं दूसरे मर्दों के सोती हूँ? वो कैसे ये सवाल पूछ सकते हैं। मुझे जवाब चाहिए।
मैंने क्या गलत किया है कि मुझे ‘मादर**’ जैसी गालियाँ दी गई?” महिला ने आगे बताया, “पुलिस वालों ने मेरे पति को ‘सुवर का बच्चा’ कहा। वो मेरे पति को घसीटकर घर से बाहर ले गए। उन्होंने क्या गलत किया था? हमें न्याय चाहिए। क्या पुलिस वाले किसी को भी इस तरह गालियां दे सकते हैं।
संदेशखाली में एक महिला ने कहा, “टीएमसी के गुंडे हमारे पतियों को जबरदस्ती पकड़ कर अपने साथ ले जाते हैं। वो उनसे काम कराते हैं और पैसे भी नहीं देते। अगर कोई पैसों की मांग करता है, तो उसे बेहरमी के साथ पीटा जाता है।”
एक महिला ने कहा, “हम कानून को अपने हाथों में नहीं लेना चाहते। उत्तम सरदार ने हमें डंडे उठाने पर मजबूर कर दिया। वो पिछले 4 साल से हमारा उत्पीड़न कर रहा है। अब हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
इसी वजह से हम यहां प्रदर्शन कर रहे है। हम अगर टीएमसी की बैठकों में जाते हैं, तो हमारे पतियों को उठा लिया जाता है। संदेशखाली कभी शांत माहौल वाली जगह हुआ करती थी, लेकिन उसे नष्ट कर दिया गया। हम फिर से संदेशखाली में शांति चाहते हैं।
महिला शेख शाहजहां और उसके आदमियों की ओर से फैलाए गए आतंक और डर को बयान करती है। महिला ने कहा कि “जिस भी महिला पर इन गुंडों की नजर पड़ गई, भले ही वो कुँवारी हो या शादीशुदा, वो उसे उठा ले जाते हैं। यही नहीं, शादीशुदा महिलाओं के पति को भी उसपर कोई हक नहीं होता। बस उन्हें महिला पसंद आनी चाहिए, इसके बाद सबकुछ उनकी मर्जी।” इस बात को वहां मौजूद एक महिला ने भी दोहराया।