प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को सेवा देना वाला Mi-17V5 चॉपर क्यों है इतना ख़ास और क्या है हादसों का इतिहास ?
प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को सेवा देना वाला Mi-17V5 चॉपर क्यों है इतना ख़ास और क्या है हादसों का इतिहास ? Mi-17V5, Military Transport Helicopter
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प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को सेवा देना वाला Mi-17V5 चॉपर क्यों है इतना ख़ास और क्या है हादसों का इतिहास ?

Ishika Jain

तमिलनाडु के कुन्नूर में आज एक बड़ा हादसा हुआ। यहां भारतीय वायुसेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। जिसमें सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सात लोग सवार थे। Mi-17V5 हेलिकॉप्टर को इंडियन एयरफोर्स का सबसे भरोसेमंद हेलिकॉप्टर माना जाता है। Mi-17V5 हेलिकॉप्टर Mi सीरीज का बेहद अत्याधुनिक विमान है। यह एक वीवीआईपी विमान है, जिसमें पीएम, रक्षा मंत्री, सीडीएस, सेना अध्यक्ष जैसे वीवीआईपी सवारी करते हैं। चलिए इस हेलीकॉप्टर की ख़ास विशेषताएं आपको बताते है।

कहाँ से ख़रीदा जाता है Mi-17V-5

भारतीय वायुसेना का Mi-17V5 वीवीआईपी चॉपर कहलाता है। यह हेलीकॉप्टर दुनिया के सबसे अडवांस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर्स में शामिल है। बात करें इस विमान के निर्माण की तो, यह विमान रसियन हेलिकॉप्टर्स की सहयोगी कंपनी कजान हेलिकॉप्टर्स द्वारा निर्मित किया जाता है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2008 में पहली बार एक साथ 80 हेलिकॉप्टर्स के लिए रूसी हेलीकॉप्टरों को 1.3 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया था, जिसके बाद 2011 में आईएएफ को डिलीवरी शुरू हो गई थी। पहली डिलीवरी 2013 में हुई, जिसमें 36 हेलिकॉप्टर्स भारतीय वायुसेना को प्राप्त हुए। बता दें की वर्तमान में भारत के पास 150 से ज्यादा Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर्स हैं।

विश्व के सबसे आधुनिक हेलिकॉप्टरों की श्रेणी में शामिल है Mi-17V-5

भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर Mi-17V-5 एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट है। बता दें कि, इन विमानों का निर्माण रूस करता है। यह विमान विश्व के सबसे आधुनिक हेलिकॉप्टरों की श्रेणी में शामिल है। इसकी तैनाती सेना के साथ साथ आर्म्स ट्रासपोर्ट में भी की जा सकती है। साथ ही इस विमान का इस्तेमाल सर्च ऑपरेशनों, पट्रोलिंग, राहत एवं बचाव अभियानों में भी किया जाता है। वर्तमान में भारत के पास 150 से ज्यादा Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर्स हैं।

क्या है भार वहन क्षमता और कैसी है इंजन प्रणाली ?

यह हेलिकॉप्टर बेहद सुरक्षित माना जाता है। यह उष्णकटिबंधीय और समुद्री जलवायु के साथ-साथ रेगिस्तानी परिस्थितियों में भी उड़ान भर सकता है। अब भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर है, तो रफ़्तार भी चील जैसी होगी। इस हेलीकॉप्टर की अधिकतम रफ़्तार 250 किमी प्रति घंटा है और यह 6000 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है।

इस हेलीकॉप्टर में एक बार ईंधन भरने के बाद, यह 580 किमी. की दूरी तय कर सकता है। साथ ही इसमें दो सहायक ईंधन टैंक भी होते है, जिन्हें भरने के बाद यह 1065 किमी की दूरी तय कर सकता है। बात करे इसकी वज़न क्षमता की तो, यह हेलीकॉप्टर अधिकतम 13,000 किलो के वजन के साथ उड़ान भर सकता है। इससे एक बार में 36 आर्म्ड जवानों को ले जाया जा सकता है।

घातक हथियारों से लैस है यह विमान

सेना का यह ख़ास विमान की तरह के हथियारों से भी लैस है। बता दें कि, यह विमान शतर्म-5 मिसाइल्स, S-8 रॉकेट, एक 23 मिमी मशीन गन, पीकेटी मशीन गन्स के साथ-साथ यह 8 फायरिंग पोस्ट्स जैसे हथियारों से लैस है। हथियारों को इन पोस्ट्स से लक्ष्य तक भेदने में इस्तेमाल किया जाता है। यह हेलिकॉप्टर्स ऐसी तकनीकों से लैस है, जिससे रात के अँधेरे में भी आसानी से कार्रवाई की जा सकती है।

MI-17 V5 हेलीकॉप्टर

26/11 हमले के समय कमांडो ऑपरेशन में भी हुआ था इसका इस्तेमाल

2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान भी इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था। 26/11 हमले के दौरान एनएसजी कमांडो इसी हेलिकॉप्टर से कोलाबा में आतंकियों से मुकाबला करने उतरे थे। रिपोर्ट्स कि माने तो, सितंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी लॉन्च पैड को ध्वस्त करने के लिए की गई सर्जिकल स्ट्राइक में भी इन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया गया था।

ये बात तो साफ़ है कि भारतीय वायुसेना के लिए Mi-17V5 हेलिकॉप्टर बेहद ख़ास है। रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर तो इस हेलिकॉप्टर को इंडियन एयरफोर्स के लिए रीढ़ की हड्‌डी मानते है। ऐसे में इस ख़ास प्लेन का ऐसे क्रैश होना बहुत आश्चर्यजनक है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है, जब सेना का सबसे भरोसेमंद हेलिकॉप्टर Mi-17 सीरीज का प्लेन क्रैश हुआ है। पहले भी यह प्लेन दुर्घटना का शिकार हो चुका है।

एक नज़र पिछले हादसों पर

6 अक्टूबर 2017 में अरुणाचल प्रदेश में भी Mi-17V5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। उस समय इस दुर्घटना में 7 जवान शहीद हो गए थे। बता दें कि, दुर्घटना से पहले विमान अपने रूटीन मिशन पर ही उड़ान भर रहा था। ताज़ा मामलों की बात करें तो, अभी सितंबर में ही जम्मू-कश्मीर के अधमपुर जिले में शिवगढ़ धार इलाके में सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था, जिसमें दो पायलट की मौत हो गई थी।

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