राजनीति

MP में निकाय चुनावः 7 सीट जीतकर भाजपा में खुशी, कांग्रेस ने भी किया 3 सीट से कमबैक

मध्य प्रदेश के शहरी निकाय चुनाव में कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी शायद ही किसी ने उम्मीद की हो दरअसल चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के मजबूत किले धराशायी हो गए हैं।

Ravesh Gupta

मध्य प्रदेश के शहरी निकाय चुनाव में कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी शायद ही किसी ने उम्मीद की हो दरअसल चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के मजबूत किले धराशायी हो गए हैं।

पहले दौर में हुए 11 नगर निगमों के चुनावों में बीजेपी ने 7 नगर निगम के मेयर चुनाव में जीत दर्ज की तो वहीं 3 कांग्रेस और 1 पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा किया ।

नतीजे देखकर लगता है कि भाजपा बढ़त में है लेकिन असलियत में पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी को नुकसान हुआ है। प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है तो इस परिणाम ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है।

भाजपा ने जीते ये सात नगर निगम

भाजपा ने एमपी के 11 नगर निगमों में से बीजेपी ने इंदौर, भोपाल, बुरहानपुर, उज्जैन, सतना, खंडवा और सागर में जीत दर्ज की है। दिलचस्प बात यह है कि मध्य प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों में पूरी तरह बीजेपी का कब्जा था और कांग्रेस का एक भी मेयर नहीं था। बीजेपी ने चार नगर निगम के मेयर की कुर्सी गंवा दी है।

भाजपा ने ग्वालियर और जबलपुर भी गंवाया

वहीं ग्वालियर में भाजपा को 57 साल बाद हार मिली है । इसी तरह जबलपुर में 23 साल बाद बीजेपी का मेयर नहीं चुना गया है । एमपी में भाजपा के बेहद मजबूत गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर और जबलपुर से भाजपा के हार जाने से इस निकाय चुनाव से कई बड़े राजनीतिक संदेश निकले हैं। शहरी वोटों पर पकड़ मजबूत होने के बावजूद भाजपा की हार ने पार्टी के लिए चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं।

क्या एमपी में कांग्रेस करने वाली है कमबैक?

नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने महज तीन ही सीटें जीती हों लेकिन ये तीन सीटों पर कांग्रेस का जीतना सूबे में बड़ी राजनीतिक हलचल की ओर इशारा कर रहा है। ग्वालियर में 57 साल, जबलपुर में 23 साल और छिंदवाड़ा में 18 साल बाद कांग्रेस का मेयर होगा ।

कांग्रेस के लिए ये नतीजे कहीं न कहीं संजीवनी साबित होने वाले हैं । इस बार कांग्रेस के वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए ये परिणाम बहुत कुछ मायने रखने वाला है।

AAP ने एमपी में भी खोला खाता

पंजाब में प्रचंड जीत के बाद से ही आम आदमी पार्टी हर प्रदेश में चुनाव में जोर लगा रही हैं। इसी का नतीजा है कि एमपी के नगर निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलने में मौजूद रही । सिंगरौली से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी रानी अग्रवाल चुनाव जीतने में कामयाब रहीं ।

इस तरह क्षेत्र की जनता ने AAP को बीजेपी के विकल्प रूप में चुना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रानी अग्रवाल समर्थन में चुनाव प्रचार करने का दांव कामयाब रहा। इससे आम आदमी पार्टी के लिए एमपी में उम्मीद जगी है।

वहीं, बुरहानपुर नगर निगम मेयर सीट पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी 10 हजार वोट हासिल करने में कामयाब रही और कांग्रेस को करीबी हार का सामना करना पड़ा।

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