राजनीति

हार्दिक ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ: गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका

ChandraVeer Singh
Congress Leader Hardik Patel Resigns: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में कांग्रेस इकाई को बड़ा झटका लगा है। यहां तीन साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हार्टिक पटेल ने इस्तीफे की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा, "आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाउंगा।"

हार्दिक ने कहा: कांग्रेस बस विरोध की राजनीति तक सीमित

हार्दिक पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने पत्र में लिखा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने के कारण मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने आगे लिखा, देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है। जबकि, देश के लोगों को विरोध नहीं, ऐसा विकल्प चाहिए जो भविष्य के बारे में सोचता हो।

हार्दिक ने पढ़े मोदी सरकार की तारीफों के कसीदे

अपने इस्तीफे में पाटीदार नेता ने लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हो या जीएसटी लागू करने का निर्णय.. हो देश लंबे समय से इन समस्याओं का समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम कर रही थी। हार्दिक ने आरोप लगाया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता की कमी है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा उनका ध्यान गुजरात के लोगों से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब देश में संकट था तो हमारे नेता विदेश में थे। उन्होंने कहा, हमारे कार्यकर्ता अपने खर्च पर 500 से 600 किमी की यात्रा कर जनता के बीच जाते हैं और देखते गुजरात के बड़े नेताओं का ध्यान सिर्फ इस पर रहता है कि दिल्ली से आए नेता को चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं।

चिंतन शिविर से भी बनाई दूरी

दूसरी ओर हार्दिक पटेल उदयपुर में 13-15 मई तक चले कांग्रेस के चिंतन शिविर के लिए भी हार्दिक को न्यौता भेजा गया था, लेकिन वे शामिल नहीं हुए। गौरतलब है कि हार्दिक पटेल करीब तीन साल पहले 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। बीते माह सुप्रीम कोर्ट से उन्हें चुनाव लड़ने की परमिशन भी मिली गई थी। पटेल पर पाटीदार आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगा था।

हाइकमान से भी नहीं मिला कोई रिस्पॉन्स

हार्दिक पटेल की नाराजगी के बाद कांग्रेस आलाकमान भी एक्टिव हो गया था। इसके बाद राहुल ने हार्दिक को मैसेज कर उनकी नाराजगी का कारण जानना चाहा, उसके बाद हार्दिक ने राहुल को कांग्रेस प्रदेश इकाई में चल रही परेशानियों को लेकर जिक्र किया था, जिसके बाद राहुल ने हार्दिक को कोई जवाब नहीं दिया। हार्दिक ने उम्मीद जताई थी कि चिंतन शिविर के बाद सब ठीक हो जाएगा। वहीं हार्दिक ने हाल ही में ट्विटर, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर अपने बायो से कांग्रेस को हटा दिया था।

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