जनता सरकार चुनती है और उम्मीद करती है की उनका नेता उनके लिए काम करेगा, उनकी समस्या सुनेगा लेकिन राजनैतिक दल अब तमाम मर्यादाए लांघने लगे है। विपक्षी पार्टियां BJP पर ऑपरेशन लोटस चलाकर दूसरे दलों के विधायक तोड़कर सरकार बनाने के आरोप लगाते रहे है अब कुछ विपक्षी दल खुद खुलेआम विधायक तोड़कर लाने पर ऑफर देते नजर आ रहा है।
इसके बाद अखिलेश की पेशकश पर बीजेपी की तरफ से पलटवार भी शुरू हो गया है। केशव प्रसाद मौर्य ने पहले हमला किया है। केशव ने कहा कि अखिलेश यादव मुझसे नफरत करते हैं। अखिलेश का मेरे लिए प्यार सभा में सभी ने देखा है। खुद डूबने वाले हैं अखिलेश यादव, क्या मुझे मुख्यमंत्री बनाएंगे?
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा कि मौर्य स्वार्थी नेता नहीं हैं। अखिलेश यादव अपने गठबंधन और परिवार की चिंता करें, क्योंकि सपा गठबंधन के विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।
वहीं दूसरी और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन शनिवार को राजकोट में एक प्रेस कान्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता बीजेपी से पैसे लेते रहें लेकिन अंदर से AAP के लिए काम करें। केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो भाजपा कार्यकर्ताओं को भी आम लोगों को दी जाने वाली सभी गारंटी का लाभ मिलेगा।