राजनीति

नुपुर शर्मा के मामले के बाद BJP सख्त: प्रवक्ताओं के लिए बनाई गाइडलाइन, अब TV डिबेट में नहीं दे पाएंगे ऐसे बयान

सूत्रों के मुताबिक केवल अधिकृत प्रवक्ता और पैनलिस्ट ही टीवी डिबेट में भाग लेंगे और उन्हें मीडिया सेल द्वारा सौंपा जाएगा। प्रवक्ताओं को किसी भी धर्म, उसके प्रतीकों या धार्मिक शख्सियतों की आलोचना करने के खिलाफ चेतावनी दी गई है। भाजपा के पैनलिस्टों को सीमा पार करने से मना किया गया है।

ChandraVeer Singh
सत्ताधारी बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं और नेताओं के लिए टीवी डिबेट में भाग लेने की नई सीमा तय कर दी है। पैगंबर मुहम्मद पर पार्टी नेता नुपुर शर्मा की टिप्पणियों के बाद भारत सरकार और भाजपा को भारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है। काफी किरकिरी के बाद अब बीजेपी ने प्रवक्ताओं के लिए नए नियम बनाए हैं, इसका हर हाल में पालन करना होगा।

केवल अधिकृत प्रवक्ता और पैनलिस्ट ही टीवी डिबेट में भाग ले सकेंगे

भाजपा सूत्रों के मुताबिक केवल अधिकृत प्रवक्ता और पैनलिस्ट ही टीवी डिबेट में भाग लेंगे और उन्हें मीडिया सेल द्वारा सौंपा जाएगा। प्रवक्ताओं को किसी भी धर्म, उसके प्रतीकों या धार्मिक शख्सियतों की आलोचना करने के खिलाफ चेतावनी दी गई है। भाजपा के पैनलिस्टों को सीमा पार करने से मना किया गया है। डिबेट में प्रवक्ता अपनी भाषा को संयमित रखेंगे और उत्तेजित होने वाला कोई न बयान देंगे न उत्तेजित होंगे। कोई भी प्रवक्ता, पार्टी की विचारधारा या आदर्शों का उल्लंघन नहीं करेगा।

डिबेट में जाने के पहले प्रवक्ताओं को विषय का होमवर्क करें

भाजपा ने अपने प्रवक्ताओं को आदेश दिया है कि किसी भी चैनल पर आने से पहले पहले टीवी पर चर्चा के विषय की जांच करें, उसकी तैयारी करें और उस पर पार्टी की लाइन का पता लगाएं। पार्टी ने साफ हिदायत दी है कि पार्टी के प्रवक्ता और पैनलिस्ट को एजेंडे पर ही बात करनी है। भाजपा यह भी चाहती है कि उसके प्रवक्ता सरकार के समाज कल्याण कार्यों पर ध्यान दें।

पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी के बाद बीजेपी बैकफुट पर

बीजेपी अपने दो प्रवक्ताओं नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की टिप्पणियों की वजह से कम से कम 15 देशों से निंदा झेल चुकी है। सरकार को लगातार इन नेताओं के बयान को लेकर अपनी सफाई देनी पड़ रही है। विदेश मंत्रालय से लेकर तमाम देशों में स्थित भारतीय दूतावासों से बयान जारी करके दोनों नेताओं के बयान से भारत सरकार से कोई संबंध नहीं होने और उन पर कार्रवाई की बात कही गई। दरअसल, बीजेपी के दोनों पूर्व नेताओं पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे जाने का आरोप है।

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