राजनीति

Maharashtra Politics: शिवसेना में बगावत पीक पर,उद्धव सीएम पद छोड़ने को तैयार फिर भी 7 और MLA पहुंचे गुवहाटी

Jyoti Singh

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सीएम ठाकरे की अपील के बावजूद शिवसेना विधायकों के पक्ष बदलने का सिलसिला अब भी जारी है। आज सुबह तीन और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए हैं। इससे पहले बुधवार को गुवाहाटी में शिंदे गुट के चार और विधायक शामिल हुए थे।

बुधवार रात गुवहाटी पहुंचे 4 विधायक

बता दें कि बुधवार रात करीब आठ बजे 4 विधायक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल पहुंचे। एकनाथ शिंदे अन्य बागी विधायकों के साथ इस होटल में ठहरे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक शाम को पहुंचे 4 विधायक महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के साथ सूरत से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए थे।

गुवाहाटी पहुंचे शिवसेना विधायकों में गुलाबराव पाटिल और योगेश कदम मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल (निर्दलीय) शामिल हैं।

आज गुवाहाटी के लिए रवाना हो सकते है 2 और विधायक

आज कुर्ला विधायक मंगेश कुडलकर और दादर विधायक सदा सरवणकर के गुवाहाटी जाने की खबरें सामने आ रही हैं।

आशंका जताई जा रही है कि ये दोनों उन विधायकों में भी शामिल हैं जो सुबह गुवाहाटी पहुंचे हैं, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है। दावे है कि अगर ये विधायक शिंदे खेमे में शामिल हो जाते हैं तो शिंदे के साथ शिवसेना के विधायकों की संख्या 36 पहुंच जाएगी, जबकि अन्य 12 विधायक भी शिंदे के साथ बताए जा रहे हैं।

इस बीच कल शिंदे गुट ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को 34 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र भेजा है। पत्र में लिखा है कि एकनाथ शिंदे शिवसेना विधायक दल के नेता हैं। भारत गोगावले को नया मुख्य सचेतक चुना गया है। बता दें कि शिंदे को मंगलवार को शिवसेना ने विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था।

उद्धव ठाकरे ने छोड़ा सीएम आवास

महाराष्ट्र में आए राजनीतिक भूचाल पर बुधवार को दिन भर बैठकों का दौर चला। इन बैठकों के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने देर शाम चौंकाने वाला फैसला लिया। वह मुख्यमंत्री आवास से निकलकर मातोश्री (अपने घर) पहुंचे। इतना ही नहीं, फेसबुक पर लाइव आकर उन्होंने कहा कि विद्रोहियों को आकर उनसे बात करनी चाहिए।

कल महाराष्ट्र के लोगों के साथ फेसबुक पर बातचीत में उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका इस्तीफा तैयार है। चाहे वह पार्टी प्रमुख के पद से हों, सीएम पद से लें। लेकिन उद्धव ठाकरे का कहना है कि आपको जो कुछ भी कहना है, बाहर आकर कहो। ऐसे अलग जाकर बैठने से कुछ हासिल नहीं होगा। अंदेशा लगाया जा रहा है कि ऐसा करके ठाकरे ने राजनीति की गेंद शिंदे के पाले में डाल दी है।

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