राजनीति

महंगाई के विरोध में हाथी पर बैठ निकले सिद्धू: यूजर ने कहा, ये हाथी इन्हें जेल छोड़कर आएगा

गुरुवार को सिद्धू महंगाई का विरोध(protest against inflation) करने हाथी पर बैठकर निकले। लेकिन इस बीच हाथी को महावत का जुल्म सहना पड़ा। इसी दौरान 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया। मामले में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है। इसके लिए उन्हें जल्द ही सरेंडर करना होगा, नहीं तो उन्हें पंजाब पुलिस अरेस्ट कर लेगी।

ChandraVeer Singh
Navjot Singh Sidhu Road Rage Patiala Jail: करीब दो माह पहले पंजाब चुनाव के दौरान वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा बोले थे कि पंजाब में पार्टी को अरबी घोड़े दौड़ाना चाहिए। इस पर सिद्धू ने खुद को हाथी बताया था। वहीं गुरुवार को सिद्धू महंगाई का विरोध(protest against inflation) करने हाथी पर बैठकर निकले। लेकिन इस बीच हाथी को महावत का जुल्म सहना पड़ा। इसी दौरान 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया। मामले में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है। इसके लिए उन्हें जल्द ही सरेंडर करना होगा, नहीं तो उन्हें पंजाब पुलिस अरेस्ट कर लेगी। इस मामले में नवजोत सिद्धू ने ट्वीट किया कि उन्हें कानून का निर्णय स्वीकार है।

हा​थी को बिठाने के लिए महावत ने हाथी को लकड़ी चूभोकर बिठाया

बहरहाल नवजोत के हाथी पर सवार होने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसमें देखा जा सकता है कि कैसे हाथी जब बैठ नहीं रहा था तो महावत ने नुकीली लकड़ी हाथी को चुभोई और उसे बिठाया। इस मौके पर सिद़्धू ने हाथी की तुलना महंगाई से की।
सिद़्धू ने पंजाबी में कहते हैं... जितना बड़ा हाथी है..., उसी तरीके से महंगाई बढ़ रही है...। खाने का कच्चा तेल 75 से 190 रुपए(लीटर) हो गया...। दाल 80 से 130 रुपए हो गई...। इतने में तो मुर्गा आ जाता...। मुर्गा-दाल एक बराबर...। इसका असर गरीब, मिडिल क्लास और किसानों पर पड़ा है...। यह एक प्रतीक प्रदर्शन है...। केंद्र के अलावा पंजाब की AAP सरकार के विरोध में निकले सिद्धू के हाथी के साथ कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं था...। इस प्रदर्शन को लेकर twitter पर कुछ कमेंट्स भी आए...। यूजर्स ने ये नौटंकी है... क्या इसे चिंतन शिविर कहते हैं? मुर्गा भी 250 रुपए हो गया...!

1998 के रोड रेज मामले में सिद्दधू को एक साल की सजा

इस बीच 1988 के रोड रेज मामले(1988 road rage case) में नवजोत सिंह सिद्धू को 1,000 रुपये के जुर्माने से मुक्त करने के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। इसमें सिद्धू को करारा झटका लगा है। एससी ने पुराना आदेश बदलकर उन्हें 1 साल कैद की सजा सुना दी है। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया था, क्योंकि मृतक को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट 12 सितंबर, 2018 को मामले में सिद्धू पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने के अपने 15 मई, 2018 के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हुआ था। सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू पर शुरू में हत्या का मुकदमा चलाया गया था, हालांकि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने फैसले को उलट दिया था। बता दें कि इस मामले में पिटाई के बाद बुजुर्ग की मौत हो गई थी। सिद्धू अगर अब सरेंडर नहीं करेंगे, तो उन्हें अरेस्ट किया जाएगा।

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