हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के बयान के सिलसिले में तल्ख़ टिप्पणी की थी और कहा था की मौजूदा समय में देश में चल रहे तनाव की जिम्मेदार नूपुर शर्मा अकेली है।
ये सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता में हुई थी। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर अब देश के पूर्व जज और रिटायर्ड नौकरशाहों ने प्रतिक्रिया दी है। इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना को एक खत लिखा है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन है। चिट्ठी में पूर्व जजों ने साथ ही में नूपुर शर्मा के मामले में तुरंत अदालत को सुधार संबंधी कदम उठाने की सलाह भी दी है ।
किस किस ने किये दस्तखत?
दस्तखत करने वालों में केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीएस रविंद्रन, बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस क्षितिज व्यास, गुजरात हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएम सोनी, राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस आरएस राठौर और प्रशांत अग्रवाल, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएन ढींगरा भी शामिल हैं।
इसके अलावा पूर्व IAS अधिकारी आरएस गोपालन और एस कृष्ण कुमार, राजदूत (रिटायर) निरंजन देसाई, पूर्व DGP एसपी वैद, बी एल वोहरा, लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी (रिटायर) ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इन सभी का मानना है की नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों के कमेंट न्यायिक मूल्यों से मेल नहीं खाते हैं। इसीलिए उन्हें वापस लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था ?
दरअसल नूपुर शर्मा के बयान के बाद से ही उनके ऊपर देश भर में कई तरह के केस दर्ज हो गए थे। वे सुप्रीम कोर्ट में सभी केस को एक जगह ट्रांसफर करने की अर्जी लेकर कोर्ट पहुंची थी इसी दौरान कोर्ट ने नूपुर शर्मा मामले में तल्ख़ टिप्पणी की थी। जाने क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने