केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का देशभर में जमकर के विरोध हो रहा है। विरोध का मूल कारण ये है की इस योजना (Agnipath Scheme) के तहत सेना में भर्ती होने वाले 75 फीसदी जवानों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। सरकार के इसी निर्णय के चलते युवा अभ्यर्थी परेशान है की केंद्र सेना में भर्ती के लिए युवाओ को मात्र चार साल क्यों दे रहा है जबकि आर्मी में में शॉर्ट सर्विस कमीशन (Short Service Commision) के तहत भी कम से कम 10 से 12 साल की सर्विस करने को मिलती है।
इसके अलावा दूसरो बड़ी समस्या ये है की चार साल की नौकरी या यूँ कहे की संशोधित संविदाकर्मी की नौकरी करने के बाद जब वे नौकरी के लिए तलाश करेंगे भी तो कहाँ पर क्यूंकि साढ़े 17 साल की उम्र में सेना में भर्ती होने का मतलब है की उस युवा (Agniveer) के पास कोई भी प्रोफेशनल डिग्री नहीं है।
डिग्री के अभाव में प्राइवेट संसथान तो किसी भी कैंडिडेट को सूंघते तक नहीं है जबकि सरकारी नौकरी में अप्लाई करने से पहले उनका एग्जाम होना जरुरी होता है जो की होता है नहीं। ऐसे में सेना से रिटायर होने का जो सम्मान लेकर एक सैनिक घर वापस आता है उस पर भी ये योजना (Agnipath Scheme) पानी फेरती सी नजर आती है।
बहरहाल अब यहाँ से थोड़ा आगे बढ़ते हुए आते है आंदोलन (Agnipath Protest) पर। अग्निपथ योजना (Agnipath Protest) के इन्ही मसलो से परेशान संभावित अग्निवीर (Agniveer) सरकार की इस योजना के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे है। युवावस्था में काफी जोश होता है और इसी जोश में आक्रोश भी मिला हुआ होता है इसी आक्रोश को दिखते हुए देशभर में आंदोलन (Agnipath Protest) के दौरान रेलगाड़िया, रेलवे ट्रैक, सरकारी गाड़िया और पुलिस चौकियां तक फूंकने में लगे हुए है। देश एक बार फिर से हिंसा के गिरफ्त में है। फर्क इतना है की इस बार कोई समुदाय आपस में नहीं लड़ रहे।
UP जिसके सीने पर पहले से ही नूपुर शर्मा के बयान के बाद हुई हिंसा के घाव थे वो अब बदहवास हाल में पड़ा है। पर इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल जो एकदम से उठकर खड़ा होता है वो ये है की CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस घटना पर किस तरह से रियेक्ट करते है। NRC CAA और हाल ही में पैगम्बर (Prophet Mohammad) विवाद के दौरान जब योगी (Yogi Adityanath) ने दंगाइयों से "वसूली" की तो उसका चौतरफा समर्थन किया गया। ये कहा गया की दंगो पर रोक पाने के ये उपाय भले ही क्रूर है पर कारगर है।
अब चूँकि अग्निवीर आंदोलन ((Agnipath Protest) भी इतना ही उग्र हो चुका है तो सवाल ये उठता है की क्या योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) फिर से सरकारी सम्पत्तियो को नुकसान पहुँचाने वालो से भरपाई करेंगे। वैसे इस कदम को उठाने का जिम्मा अकेले योगी (Yogi Adityanath) का नहीं है लेकिन चूँकि योगी (Yogi Adityanath) के दोबारा चुने जाने पर उन्हें बुलडोज़र बाबा (Bulldozer) की उपमा दी गई थी तो ये देखना वास्तव में दिलचस्स्प हो चुका है की क्या योगी सरकार (Yogi Adityanath) अग्निवीरो (Agniveer) को उनके उपद्रव पर दण्डित करेगी।
वैसे इस यहाँ तक आते आते आप खुद भी मन ही मन ये जानते होंगे की ऐसा होना नामुमकिन है। तो फिर अब अगला सवाल आपसे है जो की पूर्व में हुई करवाई पर कहा करते है की उपद्रव करने पर अंजाम भुगतना तो लाजमी है और योगी (Yogi Adityanath) ने जो किया वो बहुत पहले अन्य सरकारों को भी कर लेना चाहिए था।