डेस्क न्यूज. राजस्थान के शेखावाटी का झुंझनू जिला जहां की गलियों में आपको दिखेंगा देश भक्ति का जुनून, झुंझुनू जिले के जखरों का बास गांव की गलियों से निकल कर एक ऐसे ही युवा ने देश के मान और सम्मान को बढ़ाया। अपनी मेहनत के दम पर इस युवा ने पहले तो भारती सेना में असिस्टेंट कमांडर के पद पर तैनात रहकर नक्सलवादीयों से लौहा लिया। इसके बाद इस युवा को अपनी बाहदूरी के लिए शौर्यचक्र देकर राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित किया गया।
लेकिन एक दिन अचानक इस युवा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और फिर मुहिम शुरु हुई जन आंदोलन की। लेकिन सरकार को डर था कि कहीं आमजन में सरकार के खिलाफ ज्यादा माहौल तैयार ना हो जाए, इसके लिए सरकार ने इस युवा के आंदोलन को दबा दिया। लेकिन अफसोस सरकार आंदोलन खत्म करने में तो कामीयाब रही। लेकिन इस युवा के हौंसले नहीं तोड़ पाई। विकास जाखड़ ने पहले तो देश की सेवा की और अब बेरोजगार युवाओं की आवाज बुलंद कर रहा है।
सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ ने 23 नवंबर 2016 में झारखंड के लातेहर जिले में नक्सलियों से मुकाबला करते हुए सात नक्सलियों को मार गिराया था। इसी शौर्यता के कारण उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से शौर्य चक्र मिला था। उनकी बहादुरी का उल्लेख कक्षा आठ की पुस्तक में भी किया गया है। जिस विकास जाखड़ की बहादुरी के किस्से स्कूलों में बच्चे पढ़ रहे हैं उन्हीं विकास जाखड़ ने भर्तियों में भ्रष्टाचार रोक पाने में राजस्थान सरकार को असफल बताते हुए इसके लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जारोली और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को दोषी बताया है। विकास जाखड़ का कहना है कि युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे लगातार खिलवाड़ से वह आहत है, इसलिए उन्होंने सीआरपीएफ में सहायक कमांडेट के पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति के नाम अपनी फोर्स में भेज दिया है।
राज्य सरकार की जेईएन, पुलिस उप निरीक्षक, असिसटेंट प्रोफेसर,आरएएस, पटवारी और रीट परीक्षा हुई। पेपर लीक होने के गंभीर आरोप लगे। रीट परीक्षा का पेपर एक दिन पहले लीक हो गया और 15 से 40 लाख रुपए में बिका। इन 15 हजार परीक्षार्थियों के पास परीक्षा से पहले पेपर पहुंच गया। जिससे कड़ी मेहनत करने वाले युवाओं के सपने चूर हो रहे हैं। असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ कहना है कि 26 सितंबर 2021 से भर्ती धांधली को लेकर नौजवानों ने प्रदर्शन कर आवाज उठाई, लेकिन सरकार ने सुनवाई नहीं की। जिनको पकड़ा गया वे मोहरे हैं, इन सबके पीछे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन और पूर्व शिक्षामंत्री हैं। एसओजी सबूत जुटाने के बजाय मिटा रही है। उन्होंने मांग की कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच जरूरी है। मैंने पहले सोचा चुप रहूं, लेकिन युवाओं के सपने टूटते हुए देखे। ऐसे में उनके लिए आवाज उठाने का प्रयास किया है।
जयपुर के शहीद स्मारक पर जब 6 जनवरी को विकास जाखड़ ने युवा हुंकार रैली का ऐलान किया तो शायद सरकार का सिंहास इससे हिल गया। और फिर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देने पहुंचे विकास जाखड़ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। लेकिन विकास जाकड़ यहीं नहीं रूके फिर उन्होने अपने गृह जिले में रहकर युवाओं की आवाज को बुलंद किया। लेकिन सरकार तो सरकार ही होती है अपने खिलाफ चल रहे आंदोलन सरकार की आखों में खटकने लगा। और फिर वहीं हुआ जो 6 जनवरी को सरकार ने किया.. आमरण अनशन पर बैठे विकास जाखड़ को पुलिस ने वहा से भी उठा दिया और बाद में पुलिस के पहरे के बीच में अस्पताल में भी उस नौजवान का अनशन जारी है।