Crime News: फर्जी RPS PHQ जयपुर से ही सब इंस्पेक्टर के साथ बानसूर जाकर वहां के स्थानीय थाना से प्रोटोकॉल लेने वाले राहुल यादव के मामले में नया खुलासा हुआ है।
राजस्थान पुलिस के NCRB , साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने ही युवक को डिप्टी की वर्दी खरीदने और पहनने के आदेश जारी किए थे।
इस मामले का खुलासा हुआ जिसमें डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा बकायदा इस संबंध में लेटर जारी किया था।
मेहरड़ा सामान्य युवक को साइबर ठगी से बचने के लिए वीडियों बनाने और स्कूल-कॉलेजों में जाकर जागरूक करने ऐ लिए डिप्टी की वर्दी खरीदने का लिखित आदेश देते हैं।
पूर्व आईपीएस बीएल सोनी व राजस्थान हाईकोर्ट अधिवक्ता से भी बात की, जिन्होंने कहा कि ई भी अधिकारी सामन्य युवक को आरपीएस की वर्दी पहनने का अधिकारी नहीं दे सकते हैं।
NCRB, Cyber crime DG रवि प्रकाश मेहरड़ा ने यह पत्र एक दिसंबर 2023 को जारी किया है। पत्र में लिखा है कि यह दस्तावेज राजस्थान पुलिस के पुलिस महानिदेशक के निर्देशन में, राहुल यादव, एक प्रतिष्ठित साइबर अपराध विशेषज्ञ और अपराध अन्वेषक, को डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) रैंक की वर्दी खरीदने और सहयोग करने के लिए आधिकारिक प्राधिकरण के रूप में जारी करता है।
संगठन का नाम साइबर अपराध जागरूकता वेब श्रृंखला परियोजना है। साइबर अपराधों में वृद्धि के संबंध में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के महत्व को देखते हुए राजस्थान पुलिस साइबर खतरों को रोकने के उद्देश्य से शैक्षिक सामग्री बनाने व प्रसारित करने में राहुल यादव की भूमिका को स्वीकार करती है।
यह प्राधिकरण राहुल यादव को विशेष रूप से वेब श्रृंखला के उत्पादन और वितरण के लिए सीमित समय के लिए डीएसपी रैंक की वर्दी प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह सुनिश्चित करते हुए कि वर्दी का उपयोग केवल इस पहल के प्रयोजनों के लिए किया जाए।
अपने आपको साइबर एक्सपर्ट बताने वाले राहुल यादव ने राजस्थान पुलिस अकादमी, जयपुर में प्रशिक्षु, एसआई, आरपीएस की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें साइबर ठगी से बचने व साइबर क्राइम के बारे में प्रशिक्षण दिया है, जिसके वीडियो व फोटो युवक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाल रखे हैं।
राहुल ने PHQ जयपुर से आरपीएस की वर्दी पहनकर, डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा के साथ कई फोटो व वीडियो बनाए हैं। इसके बाद राहुल वर्दी में ही सीआई पीके मीणा को साथ लेकर बानसूर गए और वहां थाना से पुलिस प्रोटोकॉल लेकर एक निजी स्कूल में जाकर लेक्चरर देकर आए। एक दिन के लिए उन्हें पुलिस की ओर से प्रोटोकॉल दिया गया।
पूर्व IPS अधिकारी BL Soni का कहना है कि पुलिस अधिकारी किसी भी आमजन को पुलिस काम में सहायता करने के लिए सीएलजी मैंबर,पुलिस मित्र व शांति समिति के सदस्य के रूप में मनोनित कर सकते हैं।
किसी भी रैंक के स्थान या पद पर नियुक्ति का अधिकारी सिर्फ राज्य सरकार को है। RPS की नियुक्ति RPSC की ओर से लिखित व इंटरव्यू के बाद चयनित होने पर राज्य सरकार नियुक्ति करती है।
राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के पूर्व महासचिव एडवाकेट सतीश खांडल ने कहा कि RPS का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर की ओर से प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व इसके बाद इंटरव्यू में सफल होने के बाद मैरिट सूची के आधार चयन किया जाता है। किसी भी पुलिस अधिकारी को यह अधिकार नहीं दिए गए हैं कि वह किसी सामान्य व्यक्ति को RPS की रैंक की वर्दी पहनने के अधिकार प्रदान करें। डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने यदि लिखित में पत्र जारी कर वर्दी पहनने का अधिकार दिया है तो वह विधि सम्मत नहीं है।