जयपुर के विद्याधर नगर में एक बिल्डिंग के 6ठें फ्लोर पर बने फ्लैट में शनिवार को आग लग गई। इसमें 7 लोग फंस गए। फायर कर्मचारियों ने आग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। फायर बिग्रेड की स्पार्कल लैडर मशीन और 8 गाड़ियों की मदद से करीब पौन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
राजस्थान की राजधानी में बहुमंजिला इमारतों में सुरक्षा और आपात स्थितियों से निपटने के इंतजाम का मुद्दा लगता है हाशिए पर है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बीते दो महीनों में इसी विद्याधर नगर में आग लगने की ये दूसरी बड़ी घटना है।
जयपुर के विद्याधर नगर स्थित सन एंड मून बिल्डिंग में सुबह 11 बजे बिल्डिंग के 6ठें फ्लोर पर बने फ्लैट में शनिवार को आग लग गई। इसमें 7 लोग फंस गए थे जिन्हे फायर कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
फायर बिग्रेड की स्पार्कल लैडर मशीन और 8 गाड़ियों की मदद से करीब पौन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। बता दें की इससे पहले जयपुर सिनेस्टार सिनेमा हॉल और झोटवाड़ा इंडस्ट्रियल इलाके में स्थित फैक्ट्री में भीषण आग लगी है।
वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने का कमिटमेंट कर रही राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के बीच की खाई इतनी गहरी है कि आपात स्थितियों में चाह कर भी मदद नहीं मिल पा रही है। सवाल उठता है की जयपुर में बहुमंजिला इमारतों फायर सेफ्टी करती है या नहीं। सवाल बड़ा है। क्या कहते है फायर सेफ्टी के नियम।
फिलहाल प्रदेश में फायर एक्ट लागू नहीं है। इस कारण कई हजारों की तादाद में ऐसी फैक्ट्रीयां और अन्य व्यावसायिक संस्थान है जिनके पास फायर एनओसी नहीं है। अकेले जयपुर में ऐसी कई हजारों फैक्ट्रियां हैं।
इनमें से कुछ के पास फायर एनओसी है। जिस कारण फायर उपकरण नहीं होने पर विभाग कोई एक्शन भी नहीं ले सकता है। अब देखना होगा की दबा कर रखा हुआ फायर एक्ट कब सरकार पास करती है