डेस्क न्यूज. राजस्थान में कल कोरोना के 40 नए मामले मिले हैं। 5 अगस्त के बाद राज्य में 30 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. इसमें 25 मरीज सिर्फ जयपुर में मिले हैं। जयपुर में कल कोरोना ब्लास्ट के बाद से हड़कंप मच गया है। जयपुर मिले मरीजों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमाइक्रोन के मामलों से खतरा और बढ़ गया है। जयपुर में 11 ऐसे मरीज हैं जो ओमाइक्रोन पॉजिटिव और संदिग्धों के संपर्क में आए हैं।
जयपुर में कोरोना ब्लास्ट के बाद से हड़कंप मच गया है लेकिन राजनीतिक पार्टीयों को अपनी राजनीति करने से फुर्सत नहीं है। ये बात हम नहीं कह रहें है ये बात बोल रही है जनता, वो जनता जिन्होंने इन लोगों को चुनकर भेजा है क्या कहना है आम जनता का आप भी पढ़िए...
नेता लोग रैली करके गलत कर रहे है- बागवानी का काम करने वाले रघुवीर सिंहनेता लोग रैली करके गलत कर रहे हैं। अगर कोरोना फिर से फैलता है तो हम लोगों का क्या होगा। पहले जब लॉकडाउन लगा तो हम जैसे लोग घर पर बैठे रहे। हमारे बच्चों के लिए भी खाने की सुविधा नही रही, बच्चे छोटे है स्कुल जाते है, पहले ही दो-तीन साल बच्चों के खराब हो गए हैं। इस लिए सरकार को रैली नहीं करनी चाहीए। अगर रैली का आयोजन होगा तो कोरोना बढ़ेगा और फिर हम लॉकडाउन की तरफ चले जाएगें, फिर हमारा क्या होगा?
कोरोना के कारण लोगों ने अपनों को खोया, रैली करना गलत- शिक्षिका चांदनीजयपुर निवासी चांदनी का कहना है कि कोरोना के कारण लोगों ने काफी दिक्कतों का सामना किया है। कई लोगों की जॉब चली गई, बढ़ी संख्या में लोगों ने अपनों को खोया है, लोग घरों से निकलने से डरते थे लेकिन अब अगर फिर भीड़ एकत्रित होती है तो खतरा बढ सकता है। स्कूलों में भी कोरोना के मामले बढ रहे हैं बच्चों का वैक्सीन अभी आया नहीं हैं सरकार को थोड़ी सख्ती दिखानी चाहिए। लेकिन सरकार खुद ही कानून तोड़ रही है पहले सारी चीजें काबू में आ जाए, उसके बाद ही सरकार को रैली करनी चाहिए। नये-नये वैरीएंट आते रहेगें तो मुश्किलें बढ़ेंगी। सभी लोगों की जान का सवाल है।
तो रैली कर कांई करो ला...ऐ बताओ फिर, फिर भीड़ आइली... फिर कोरोना फैलेलो... कांई मतलब छे...जयपुर के जवाहर सर्किल पार्क में बागवानी का काम करने वाली महिला का कहना है कि तो रैली कर कांई करो ला...ऐ बताओ फिर, फिर भीड़ आइली... फिर कोरोना फैलेलो... कांई मतलब छे... भाई या लोग लाकडाउन लगा दे ला तो कांई खाऊ ली पब्लिक...मा के साथी गरीब आदमी कांई खाऊ लो..पहली बार तो या दे दिया थोड़ा बोह, अब कांई दे ला..
सरकारें रैलियां कर रही हैं, रैलियों से पब्लिक का कोई फायदा नहीं हैं - नंद लाल मीणासरकारों का रैली निकालना गलत है। एक समय था, जब आक्सीजन की कमी के कारण लोग मर रहे थे सरकार लोगों से कह रही थी कि घरों से नहीं निकले कोरोना है कोरोना के कारण लोगों के काम-धंधे बंद हो गए, आम जनता पूरी तरह से परेशान थी, कोई भी पार्टी को देख लो, सभी रैली कर रही हैं रैली से पब्लिक का कोई फायदा नहीं हैं।
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