जयपुर के शहीद स्मारक पर युवाओं का अनोखा प्रदर्शन

 
Jaipur

सरे आम सरे राह सैकड़ों युवा बने मुर्गा, भरी दुपहरी में बांग देकर ये किसे जगा रहे हैं ?

सरकार के तीन साल पूरे होने पर जयपुर के शहीद स्मारक पर युवाओं का अनोखा प्रदर्शन

Kunal Bhatnagar

डेस्क न्यूज. आज राजस्थान के जयपुर का शहीद स्मारक बांग देते मुर्गों की आवाज से गूज उठा, सैकड़ों की संख्या में एक साथ कोरस में बांग दे रहे हैं वो भी भरी दुपहरी में । ये अंडे से निकले तंदूर में पकने वाले मुर्गे नहीं लेकिन इनके हालात कुछ ज्यादा अलग भी नहीं, सिस्टम के ताव में ये रोज पक रहे हैं और बेरोजगारी इन्हें रोज रोज खाए जा रही है, सरकार को ये तामाशा लग सकता है, ये मुर्गे डमी लग सकते हैं, लेकिन ये जीते-जागते मुर्गे हैं, ये खाना भी खाते हैं और घूमते-फिरते भी हैं। कभी टीचर की डांट पर मुर्गा बनने वाला युवा आज मजबूरी में मुर्गों की मुद्रा में दिख रहा है, इनका पूरा परिचय है राजस्थान का वो बेरोजगार युवा जिसकी आंखों में कुछ सपने हैं, और उन्हीं सपनों को पूरा करने के लिए ये युवा पढ़-लिख सरकार से नौकरी की उम्मीद कर रहा है। लेकिन जिस सरकार ने इन युवाओं से खुद को वोट देने के बदले वादों की भरमार की थी। आज उसी सरकार ने इन युवाओं को मुर्गा बनने पर मजबूर कर दिया।

सरकार के तीन साल पूरे होने पर युवाओं का अनोखा प्रर्दशन

सरकार के तीन साल पूरे होने पर युवाओं का अनोखा प्रर्दशन

आज राजस्थान में सरकार को तीन साल पूरे हो गए हैं। लेकिन दुसरी तरफ बेरोजगारों का सरकार से असंतोेष भी बढ़ता जा रहा है। लगातार अभ्यर्थी सरकार से रीट में पदों को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार है कि युवाओं की बात सुनने को तैयार ही नहीं है। ऐसा नहीं है कि सरकार ने युवाओं से वार्ता नहीं की, लेकिन वार्ता में केवल ओर केवल आश्वासन मिला, लेकिन युवाओं ने ठान लिया है कि अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा। जब तक सरकार मांगों को पूरा नहीं कर देती तब-तक आंदोलन जारी रहेगा। इसी क्रम में आज युवाओं ने राजस्थान के जयपुर में शहीद स्मारक पर मुर्गा बनकर कर राजस्थान सरकार का विरोध किया।

रीट में पद बढ़ाने की मांग को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर युवाओं का जमावड़ा

67 दिनों से ज्यादा का समय हो गया है, और युवा रीट में पद को बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार जयपुर के शहीद स्मारक पर डटे हुए हैं। बेरोजगार युवाओं का कहना है कि हम सरकार से अब आर-पार के मूड में हैं। अगर सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी, तो आने वाले समय में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

क्या है पूरा मामला

24 दिसंबर 2018 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 हजार पदों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा की घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद कोरोना के चलते परीक्षा की तारीख तीन बार टालनी पड़ी, लेकिन जब दूसरी लहर का प्रकोप थोड़ा कम हुआ तो सरकार ने 26 सितंबर को इस बड़ी परीक्षा का आयोजन कराया। उस समय जब मुख्यमंत्री ने रीट के 31000 पद की घोषना की थी, उस समय इतने पद काफी थे लेकिन इस दौरान बड़ी सख्या में शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। स्कूल में शिक्षकों के ऊपर बोझ बढ़ा है।

Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार