Rajasthan News: राजस्थान की सियासत में इस वक्त एक ही सवाल गूंज कर रहा है, आखिर राजस्थान का अगला सीएम कौन होगा। विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी इसको लेकर Planning कर रही है।
पार्टी हाईकमान ने रक्षा मंत्री राजनाथ समेत 3 पर्यवेक्षकों को राजस्थान का नया CM चुनने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिसके बाद से ही उनके जयपुर आकर विधायकों से बातचीत करने का इंतजार किया जा रहा है।
इसी हलचल के बीच रविवार को छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने नए सीएम के नाम का ऐलान कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी राजस्थान में भी सीएम चुनने के लिए छत्तीसगढ़ वाला फॉर्मूला अपना सकती है।
बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय से आने वाले विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान करते हुए भविष्य की रणनीति के कई निशाने एक साथ साधने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, बीजेपी ने ओबेसी समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और सामान्य वर्ग से आने वाले विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाने का ऐलान करते हुए सामाजिक, राजनैतिक और पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को पूरी तरह से साधने की कोशिश की है, ताकि लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति पर भी तेजी से अमल किया जा सके।
बीजेपी ने आदिवासी समुदाय को 2024 की अपनी खास रणनीति में शामिल किया हुआ है। इस संदेश को जनता तक पहुंचाने के लिए कई काम किए गए हैं। फिर चाहे द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनान हो या भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय दिवस के रूप में मनाने का ऐलान करना हो, या अब आदिवासी सीएम चुनना। ऐसा करके बीजेपी देश के विभिन्न राज्यों में आदिवासी समुदाय को साधना चाहती है।
ऐसे में उम्मीद है कि बीजेपी राजस्थान में ओबीसी या दलित समुदाय के अलावा अगड़ी जाति पर भी दांव लगा सकती है। राजस्थान में अभी तक CM फेस को लेकर वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी। लेकिन फिलहाल दोनों ही नेता इस रेस से बाहर होते नजर आ रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि दोनों नेताओं के एक्शन से ये संकेत मिल रहे हैं।
विधायक दल की बैठक से पहले राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद उनके समर्थक विधायक उनसे मिलने के लिए आवास पर पहुंचे थे। देर रात तक विधायकों से मंत्रणा का सिलसिला जारी रहा था।
वहीं दूसरी ओर बाबा बालकनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक ट्वीट से बड़े संकेत दिए थे, उन्होंने लिखा था, 'पार्टी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता-जनार्धन ने पहली बार सांसद व विधायक बना कर राष्ट्रसेवा का अवसर दिया।
चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया व सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजर अंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।
इन दोनों नेताओं के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, अश्विनी वैष्णव, किरोड़ी लाल मीणा, राज्य वर्धन राठौड़, बाबा बालक नाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत, ओम बिरला, दीया कुमारी, अर्जुन राम मेघवाल का नाम शामिल है।
हालांकि पार्टी की तरफ से पहले ही संकेत दिए गए हैं, कि विधायकों में से ही नए नेता का चयन किया जाएगा।