विधायक भरत सिंह ने खनन मंत्री को ठहराया अवैध खनन के लिए जिम्मेदार  
राजस्थान

राजस्थान: 'खनन मंत्री ही माफिया', MLA भरत सिंह के पत्र से सरकार में हड़कंप

कांग्रेस विधायक का सीएम गहलोत के नाम लिखा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल, प्रदेश की राजनीति में लाएगा तूफान, सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप, लिखा- कार्रवाई नहीं हुई तो ‘आत्मदाह’ को तैयार

Ravesh Gupta, Kunal Bhatnagar

राजस्थान और यूपी क्षेत्र में आने वाले बृज 84 कोस में अवैध खनन को लेकर सुलगी आग अब धीरे-धीरे विकराल रुप लेने को है । एक साधु के आत्मदाह के प्रयास के बाद चेती राजस्थान सरकार ने क्षेत्र को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने का ऐलान भी कर दिया, लेकिन अब भी इस पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है । हाल ही में पूर्व मंत्री और सांगोद से कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने अपने क्षेत्र में अवैध खनन के मद्दे पर अपनी ही सरकार को आडे हाथों लिया है। विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम एक पत्र लिखा है जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है । कांग्रेस विधायक ने पत्र में लिखा है कि ‘अगर प्रदेश में खनन माफियाओं पर काबू पाना है तो राज्य के खनिज मंत्री को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करें’।

पत्र में सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

विधायक भरत सिंह ने कांग्रेस सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है । पत्र में खनन मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा है कि “प्रदेश का खनन मंत्री ही प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया है”। इस पंक्ति के जरिए विधायक ने खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर सीधा हमला बोला है। सांगोद विधायक ने हाड़ौती की एक कहावत कहते हुए मंत्री पर निशाना साधा है। पत्र में विधायक ने लिखा है

विधायक का पत्र
“कॉख में छोरा और शहर में ढिंढोरा यानि प्रदेश का खनन मंत्री ही प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया है।”
विधायक के पत्र की एक लाइन

“भरतपुर में साधु वाले मार्ग पर चलना पड़ा तो भी तैयार”

विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार को चेतावनी भरे लहजे में लिखा कि ‘सोरसन और गोडावन संरक्षण पर मैं कई बार पत्र लिख चुका हूं, अगर अवैध खनन को रोकने का एक मात्र मार्ग भरतपुर के साधु वाला मार्ग है तो मुझे इस कारगर मार्ग पर चलकर बात पहुंचानी पड़े तो, कृप्या इंतजार करे’।

विधायक ने साफ तौर पर सरकार की खिलाफत की है। सरकार से सवाल पूछते हुए प्रशासन को चेताया भी है कि अगर उन्हें प्रशासन को नींद से जगाने के लिए साधु वाला रास्ता ही उन्हें अपनाना पड़ा तो वो उसके लिए भी तैयार हैं। सरकार को चेतावनी देते हुए विधायक ने इशारों में जरूरत पड़ने पर आत्मदाह वाला रास्ता तक चुनने का एलान कर दिया है।

भरत सिंह ने लिखा- आपका ध्यान भरतपुर के पर्वतों में चल रहे खनन के खिलाफ 551 दिन धरना दे रहे साधु और एक साधु की आग लगाने पर ध्यान दिलाना चाहता हूं, अवैध खनन का सीधा संबध गुंडागिरी से है और यह प्रशासन के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता है ।

विधायक कई बार लिख चुके पत्र लेकिन सरकार मौन

जैसा कि विधायक भरत सिंह ने पत्र में लिख कर बताया है कि वो कई बार अवैध खनन के विरोध में पत्र लिख चुके हैं और सरकार को चेताने का प्रयास कर चुके हैं। विधायक के पत्र के अनुसार वो पहले भी पत्र लिख चुके हैं और इस मामले में कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

विधायक का पत्र
सरकार के इस तरह इन पत्रों को नजर अंदाज करने से समझ आता है कि सरकार ने खनन के मुद्दे पर काफी समय से मौनव्रत रखा हुआ है। इस तरह इन शिकायतों को नजरअंदाज किया जाना कहीं न कहीं मंत्री और सरकार की खनन माफियों के साथ मिलीभगत पर संशय पैदा करता है।

भरतपुर में कई सालों से चल रहा अवैध खनन

पिछले कई सालों से भरतपुर के बृज क्षेत्र में अवैध खनन जारी है। जिसके विरोध में साधू संत पिछले करीब दो साल से आंदोलन कर रहे थे। क्षेत्र के आदिबद्री और कनकांचल पर्वत को खनन माफियों ने छलनी कर दिया है।

कई सालों से चल रहा अवैध खनन

इसके विरोध में संत पिछले कई सालों से आवाज उठा रहे थे। आदिबद्री और कनकांचल देवस्थल है और पूज्यनीय हैं। संत समाज को इनके साथ छेड़छाड़ करना गंवारा नहीं है। सिन्स इंडिपेंडेंस ने इसका खुलासा करते हुए कुछ दिन पहले भी एक खबर दिखाई थी।

बाबा के आग लगाने के बाद सरकार ने उठाया कदम, घोषित किया वन क्षेत्र

संतो कई दिन से कर रहे हैं आंदोलन

लगभग 550 दिन आंदोलन करने के बाद बाबा विजयदास ने 20 जुलाई को खुद को आग लगा ली थी। बाबा की आत्मदाह की कोशिश के बाद सरकार की तंत्रा टूटी और सरकार ने विवादित भूमि को वन क्षेत्र घोषित करने का एलान किया। सरकार ने कहा कि 15 दिन के अंदर नोटिफिकेशन जारी कर विवादित 749 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा। जिससे खनन पर पूरी तरह रोक लग जाएगी।

विधायक ने स्पष्ट रूप से खनन मंत्री को ठहराया जिम्मेदार

भरत सिंह ने लिखा कि “प्रदेश के सबसे बड़े खनन माफिया राज्य के खनिज मंत्री हैं, इसके माध्यम से उनके गृह जिले में अवैध खनन का कीर्तिमान स्थापित किया गया है. बारां जिले में कलेक्ट्रेट, संभागीय वन अधिकारी एवं अन्य उच्च पदों पर मंत्री द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों का चयन किया जाता है । जंगल, जमीन, नदी नालों पर अवैध खनन से भ्रष्टाचार हुआ है। बारां जिले में अवैध खनन से कई लोगों मरे है”

मंत्री पर इस तरह हमला बोलते हुए विधायक ने स्पष्ट और खुले रूप से बारां जिले में अवैध खनन और खनन की वजह से मरने वाले लोगों के लिए मंत्री प्रमोद जैन भाया को जिम्मेदार ठहराया है।

कांग्रेस में बार बार उठ रहे बगावती सुर, मिशन 2023 दिख रहा मुश्किल

लगातार पिछले कई दिनों से कांग्रेस के लिए विपक्ष से ज्यादा उनके खुद के मंत्री और विधायक परेशानी का सबब बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के खेमे में बार बार फूट पड़ती दिखाई देती है। मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस हाईकमान के लिए बेहद चिंता का विषय है।

कुछ दिन पहले ही प्रदेश सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई थी। हालांकि मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद अशोक की नाराजगी दूर हो गई थी।

अशोक चांदना का ट्वीट

इधर मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा कभी भी सार्वजनिक रूप से सरकार की निंदा कर देते हैं। अब सागोंद विधायक ने पत्र लिखकर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। खनन मंत्री पर बड़ा हमला बोला है।

कांग्रेस हाईकमान को समझना होगा की संगठन की एकता चुनाव ही नहीं बल्कि पार्टी के अस्तित्व के लिए ही बेहद जरूरी है। अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं अगर ये ही हाल रहा तो कांग्रेस के लिए चुनाव की राह मुश्किल होने वाली है। पार्टी हाईकमान को इस पर मंथन करना होगा।

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