चुनावों के लिए बसाें और टैक्सी काराें का अधिग्रहण हाेने के बाद अब प्रदेश में 21 नवंबर से शुरू हुए शादी-समाराेह के लिए वाहनों का टाेटा हाे गया है।
इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और लोगों को बसें, टैक्सी व कारें नहीं मिल रही है। अब तक आरटीओ ने 21 हजार कार-टैक्सी, 17 हजार बसें और 1350 ट्रक जब्त किये गए है।
21 हजार बसाें में से 4 हजार पुलिस ने अधिग्रहण की है। यह स्थिति ताे तब है जबकि प्रदेश में करीब 30 हजार बसाें का संचालन हाे रहा है।
इसमें से आरटीओ-डीटीओ ने 17 हजार बसाें का अधिग्रहण कर लिए। 23 से 25 नवम्बर तक हाेने वाले शादी-समाराेह के लिए मात्र 13 हजार बसें बाकी हैं।
चुनाव में जयपुर जिले से ज्यादा वाहनाें का अधिग्रहण अलवर-भरतपुर में किया गया है। जयपुर जिले में 1992, अलवर के लिए 2278, भरतपुर के लिए 2102 वाहन अधिग्रहण किए गए हैं।
चाैथे नंबर पर दाैसा जिला है। यहां पर 1885 वाहनाें का अधिग्रहण किया गया। पांचवें नंबर पर काेटा है। यहां पर 1624 वाहन लिए गए हैं।
शादी के लिए एडवांस बसाें की बुकिंग कराने के बाद भी अब बसें नहीं मिल रही हैं। हालात यह है कि 11 हजार में 100 किमी आना-जाना के लिए बुकिंग की गई बस अब 21 हजार रुपए में भी नहीं मिल रही है।
वहीं टैक्सी कार का भी टाेटा हाे गया है। 5 हजार में बुकिंग हाेने वाली कार टैक्सी कार अब 11 हजार में मिल रही है।
इसके बाद भी कार टैक्सी नहीं मिल रही है। शादी-समराेह के लिए लाेग कार टैक्सी के लिए उधर-उधर भटक रहे हैं।
राजस्थान बस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विपिन शर्मा ने बताया कि आरटीओ की ओर बसाें काे 22 नवंबर काे रिपोर्टिंग के लिए बाेला है।
जबकि चुनाव पार्टी 24 नवम्बर काे पाेलिंग के लिए रवाना हाेगी। बस ऑपरेटर्स 22 नवंबर की जगह बसें 23 नवंबर की शादी के लिए की गई।
एडवांस बुकिंग करने के बाद रात काे चुनाव ड्यूटी में भजने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में शादी वाले भी परेशान नहीं हाेंगे।