राजस्थान

Ramprasad Suicide Case: संविदा नौकरी, डेयरी बूथ...मुआवजे का 'मजाक'; मंत्री पर सरकार मौन!

Ramprasad Suicide: गहलोत सरकार ने रामप्रसाद मीणा सुसाइड केस में फौरी कार्रवाई और मामूली 3 मांगें मानकर इतिश्री कर ली। Since Independence पर जानें सरकार का क्या रहा रवैया?

Om Prakash Napit

Ramprasad Suicide: जयपुर में चांदी टकसाल राजामल की तालाब कॉलोनी के पास रहने वाले रामप्रसाद मीणा ने 17 अप्रैल को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में मृतक के परिजन शव लेकर धरने पर बैठे रहे और सांसद किरोड़ी लाल मीणा समेत सचिन पायलट धरने में शामिल हुए। साथ ही बीजेपी विधायक दिया कुमारी भी परिजनों से मिलीं। प्रशासन और सरकार को काफी दबाव बनाया गया लेकिन गहलोत सरकार ने 3 मामूली मांगें मानकर अपनी हठधर्मिता का परिचय दे दिया।

यहां बता दें इस मामले में मृतक ने आत्महत्या से पहले वीडियो बनाया और सुसाइड नोट लिख छोड़ा उसमें जिन लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया उसमें सीएम गहलोत के खासमखास मंत्री महेश जोशी भी शामिल हैं। ऐसे में सरकार ने मंत्री जोशी या अन्य आरोपियों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ अतिक्रमण तोड़ा गया है और नामजद तीन लोगों राकेश टांक, देव अवस्थी, लालचंद देवनानी को पूछताछ के लिए डिटेन किया गया है।

मृतक के परिवार से मिले तक नहीं सीएम

बता दें मृतक के परिजन शव लेकर धरने पर बैठे रहे लेकिन सीएम अशोक गहलोत ने उनसे मिलना तक मुनासिब नहीं समझा। इस पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सीएम गहलोत जुनैद और नसीर के घर गए थे, लेकिन क्या सीएम रामप्रसाद के घर नहीं आ सकते? डॉ. महेश जोशी को नहीं ला सकते सीएम? सीएम आकर मिलें और सहानुभूति व्यक्त करें।

प्रशासन ने मात्र 3 मांगें मानीं

परिजन और प्रशासन के बीच 20 अप्रैल को कुछ मांगों को लेकर सहमति बनी। एडीएम अब्बू बकर ने बताया कि वार्ता में संविदा की नियुक्ति, अवैध निर्माण को हटाने, डेयरी बूथ के आवंटन की मांगों को मान लिया गया है। साथ ही नियमानुसार सहायता राशि देने की स्वीकृति दे दी है। साथ ही जिला कलेक्टर की ओर से नियमानुसार मुआवजा मंजूर किया गया है। इसके बाद रामप्रसाद मीणा के शव का मौके पर ही पोस्टमार्टम कराया गया।

ये थी पीड़ित परिवार की मांगें

  • राम प्रसाद मीणा के परिवार की ओर से एक मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम भेजा गया है। इसमें परिवार को न्याय देने और उनके साथ जो अत्याचार हुआ, उसका मुआवजा देने की मांग की गई है।

  • इस घटना में स्थानीय मंत्री महेश जोशी भी जुड़े हुए हैं। महेश जोशी एफआईआर में एक नामजद आरोपी हैं। उनको गिरफ्तार किया जाए। बाकी आरोपियों की भी गिरफ्तारी हो।

  • जुनैद एवं नासिर के परिवार की तर्ज पर पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए की मुआवजा राशि तुरन्त प्रभाव से प्रदान करें।

  • पीड़ित परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें।

  • पीड़ित परिवार के मकान के पास में स्थित अवैध निर्माण (शेरेटन होटल) को 24 घंटे में तोड़ें।

  • गिरधारी मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कर मूल स्वरूप में लाएं।

  • दोषी पुलिसकर्मियों व नगर निगम कर्मियों को निलंबित किया जाए। इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।

  • पीड़ित परिवार को प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत एक मकान रहने के लिए दिया जाए। साथ ही चाय की दुकान का रजिस्ट्रेशन या डेयरी बूथ आंवटन हो।

  • बच्चों के शिक्षा की व्यवस्था का भी प्रबंध किया जाए।

यह था मामला

जयपुर में चांदी की टकसाल के गरीब चायवाले रामप्रसाद मीणा ने सुसाइड नोट और वीडियो बनाकर 17 अप्रैल को आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट और वीडियो में सीएम गहलोत के खास मंत्री महेश जोशी समेत 8 लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया था। इसके बाद जब परिजन और सांसद किरोड़ी मीणा आदि धरने पर बैठे तो मामले ने तूल पकड़ा।

इसके बाद आरोपियों पर FIR दर्ज कराई गई। रामप्रसाद का इन लोगों पर आरोप था कि ये प्रॉपर्टी को लेकर उसे डरा-धमका रहे थे और रामप्रसाद की जमीन पर ही उसे निर्माण नहीं करने दे रहे थे।

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