शुरूआत से ही डॉक्टरों को भगवान के रूप में देखा जाता रहा है और भला भगवान माना भी क्यूं ना जाये? एक व्यक्ति जिसकी जिंदगी जोखिम में हो, डॉक्टर उस मरीज को स्वस्थ्य कर अपने कर्तव्यों का पालन करता है।
राजस्थान सरकार प्रदेश की जनता को मेडीकल क्षेत्र में सुख-सुविधा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से ‘राइट टू हेल्थ’ बिल लेकर आयी है लेकिन डॉक्टर्स लगातार इस बिल को लेकर सड़कों पर उतरे हुए है। यहां तक की इस बिल को वापस लेने की मांग को लेकर प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल की हड़ताल पिछले कई दिनों से चल रही है। जिसकी वजह से आम जनता कड़ी परेशानी का सामना कर रही है।
डॉक्टर्स की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता करना चाहते थे लेकिन सरकार रूचि नहीं ले रही है। सरकार ने ऐनवक्त पर वार्ता से इनकार कर दिया। डॉक्टर्स और सरकार के बीच आम जनता की पीड़ा फीकी पड़ती नजर आती है। प्रदेशवासी अपनी परेशानी का सबब डॉक्टर्स को मानकर उन्हें विलेन की नजर से देख रहे है।
RTH Bill 2023 Update: छोटे शहर और गांवों में स्थित अस्पतालों में समुचित सुख-सुविधा मौजूद नहीं होती है जिसकी वजह से वहां के मरीजों को राजधानी के अस्पतालों में रैफर किया जाता है लेकिन डॉक्टरों के द्वारा की जा रही हड़ताल के चलते उन्हें कड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यहां तक की परिजन असहाय महसूस कर अपने मरीज को गांव व शहरों वापस लेकर लौट रहे है और आशा कर रहे कि जल्द सरकार व डॉक्टर्स के बीच सुलह हो तो वह वापस लौटे।
RTH Bill 2023 Update: राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धनजय अग्रवाल ने बताया कि कल के दिन बंद के दौरान केवल ओपीडी का बहिष्कार किया जायेगा। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को इलाज पूरा दिया जाएगा।
इसके लिए हमने यहां व्यवस्थाएं करते हुए डॉक्टर्स की राउंड दी क्लॉक ड्यूटी लगाई है। जयपुर में एसएमएस हॉस्पिटल (सवाई मान सिंह हॉस्पिटल) में आज एसएमएस सुपरिंटेंडेंट ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुए डॉक्टरों ने इसकी घोषणा की।
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार डॉक्टर्स के इस रवैये पर सख्त एक्शन के मूड में है। डॉक्टर्स की हड़ताल और जनता की तकलीफ को देखते हुए सरकार बड़े एक्शन के रूप में डॉक्टर्स से वार्ता कर उनको काम पर लौटने की अपील कर सकती है या उन पर एक्शन लेने के लिए रेस्मा कानून भी लगा सकती है।
RTH Bill 2023 Update: डॉक्टर्स का कल यानि 27 मार्च को राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में बंद 11 वें दिन जारी है। निजी चिकित्सकों ने सोमवार को बड़ी तादाद में इकट्ठे होकर राजधानी में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं प्राइवेट और नर्सिंग होम्स सोसाइटी की ओर से जारी बयान में बताया गया कि रैली में निजी चिकित्सकों ने सरकार को बिल किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करने का संदेश दिया है। रैली के बाद पुलिस कमिश्नर ने वार्ता के लिए बुलावा भेजा था लेकिन हम नहीं गये। अब मुख्यमंत्री बुलायेंगे तभी जायेंगे।