धर्म

मुस्लिम कारोबारी ने पेश की सांप्रदायिक सौहार्द की नजीर, विश्व के सबसे बड़े इस मंदिर के लिए दान की ढाई करोड़ की जमीन

ChandraVeer Singh

बिहार से एक मिसाल कायम करने वाली खबर सामने आई है। (worlds largest temple in bihar) दरअसल यहां एक मुस्लिम परिवार ने राज्य के पूर्वी चंपारण (champaran) जिले के कैथवलिया इलाके में बनने वाले मंदिर के लिए ढाई करोड़ रुपए की जमीन दान में दी है। एक तरफ जहां देश में दो संप्रदायों के लोगों के बीच तनाव के मामले सामने आते रहे हैं, वहीं यह खबर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रही है।

ये दुनिया का सबसे बड़ा 'विराट रामायण मंदिर' होगा
बता दें कि बिहार में बनने वाला यह मंदिर (worlds largest temple in bihar) दुनिया का सबसे बड़ा विराट रामायण मंदिर (Virat Ramayan Mandir) होगा। मीडिया से बातचीत के दौरान पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख आचार्य किशोर ने इस भूमि दान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इश्तियाक अहमद खान ने इस मंदिर के भव्य निर्माण के लिए ढाई करोड़ रुपये की जमीन दान करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इश्तियाक पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं और फिलहाल उनका गुवाहाटी में कारोबार कर रहे हैं।
500 करोड़ की लागत से बनेगा मंदिर
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य चरम पर है और अब अब बिहार में भी भव्य राम मंदिर बनेगा। चंपारण में 'विराट रामायण मंदिर' (Virat Ramayan Mandir) के निर्माण की तैयारी चल रही है। इसके बनने के बाद इसकी तस्वीर ऐसी होगी कि सबकी निगाहें टिकी रह जाएंगी। विराट रामायण मंदिर विश्व प्रसिद्ध और 12वीं सदी के अंकोरवाट मंदिर से भी ऊंचा होगा। इस मंदिर का निर्माण करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए नई दिल्ली में संसद भवन के निर्माण में लगे कई प्रतिष्ठित वास्तुकारों की मदद ली जाएगी।
मंदिर में एक विशाल शिवलिंग भी होगा‚ ये शिवलिंग 44 फीट ऊंचा होगा जबकि मुख्य शिवलिंग के अलावा मंदिर में 1008 और छोटे-छोटे शिवलिंग होंगे। विराट रामायण मंदिर पूरे 168 एकड़ परिसर में फैला हुआ होगा और इस मंदिर में 18 शिखर होंगे।
1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा
चंपारण के केसरिया में बनने वाला रामायण मंदिर 270 फीट ऊंचा, 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इस मंदिर का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि यह कई सौ साल तक चलेगा। बताया जा रहा है कि यह मंदिर करीब ढाई सौ साल तक टिकाऊ रहेगा। इसे 100 एकड़ में बनाया जा रहा है। मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में खास बदलाव किए जा रहे हैं। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व महानिदेशक विनीत जायसवाल को मंदिर निर्माण का मुख्य सलाहकार बनाया गया है।

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