बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को गुरुवार को काले झंडे दिखाए गए। धनखड़ कूचबिहार के दौरे पर चुनावों के बाद हो रही हिंसा में प्रभावित लोगों से मिलने गए थे। सीतलकुची इलाके में उनके काफिले को भीड़ ने काले झंडे दिखाए, वहीं दिनहटा वापस जाओ के नारे लगाए। सीतलकुची में चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की फायरिंग में 4 लोगों की जान गई थी।
धनखड़ ने अपने इस दौरे के बाद कहा कि वो बंगाल में चुनावों के बाद हो रही
हिंसा पर हैरान हैं। देश कोविड महामारी से जूझ रहा है और ऐसे में बंगाल में
चुनावों के बाद हिंसा हो रही है। वो भी सिर्फ इसलिए कि कुछ लोगों ने अपनी
इच्छा से वोट डालने का फैसला किया था।
विरोध किए जाने से खफा धनखड़ ने दिनहटा में अपनी कार से बाहर आ गए। उन्होंने पुलिस अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि नारेबाजी करने वालों के खिलाफ पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि 15 लोगों की भीड़ इकट्ठा होकर नारा लगा रही है कि भाजपा के गवर्नर वापस जाओ। कानून पूरी तरह खत्म हो गया है। मैं स्तब्ध हूं। मैंने सोचा भी नहीं था कि ऐसी चीज भी हो सकती है।
उन्होंने चुनावों के बाद हो रही हिंसा से प्रभावित गांव के दौरे पर भी चर्चा की। बोले- लोगों की आंखों में भय साफ दिखाई दे रहा था। वे पुलिस के पास शिकायत के लिए जाने से डर रहे थे। घरों को लूट लिया गया। लड़कियों की शादी के लिए रखे गहने और यहां तक कि श्राद्ध के लिए बर्तन तक लूट लिए गए।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक पत्र लिखकर कहा था कि धनखड़ का दौरा स्थापित नियमों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि इस दौरे का फैसला मनमाना है और इसको लेकर राज्य सरकार से किसी भी तरह का सलाह-मशविरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि धनखड़ राज्य के मंत्रियों को बाइपास कर रहे हैं और अधिकारियों को सीधे निर्देश दे रहे हैं। ये संविधान का उल्लंघन है।