पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान की जुबान एक बार फिर फिसल गई। दो महीने पहले यौन हिंसा पर बेतुका बयान देकर विवादों में आए इमरान अब महिला विरोधी बयान देकर विपक्ष के निशाने पर हैं, उन्होंने यौन हिंसा के लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया है और उन्हें पर्दे में रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं के लिए महिलाओं के छोटे कपड़े जिम्मेदार हैं। उन्हें समाज को गुमराह करने से बचना चाहिए।
HBO Axios को दिए इंटरव्यू में उनसे पाकिस्तान में रेप पीड़िता पर आरोप लगाने के एक मामले को लेकर सवाल पूछा गया था, इस पर इमरान ने कहा, 'अगर कोई महिला कम कपड़े पहनती है तो इसका असर पुरुषों पर पड़ेगा। अगर वह रोबोट नहीं है तो….यह कॉमन सेंस है।।
रेप पीड़िता को दोष देने के अपने पुराने बयान का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने रेप पीड़िता पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की, बल्कि मैंने सिर्फ इतना कहा कि पर्दे की व्यवस्था समाज में बहकने से बचने के लिए है।
जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टार के रूप में उनके जीवन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मेरे बारे में नहीं है। यह मेरे समाज के बारे में है। मेरी प्राथमिकता यह है कि समाज कैसा व्यवहार करता है। जब मैं देखता हूं कि यौन हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं, तो हम बैठकर चर्चा करते हैं कि इससे कैसे निपटा जाए। यह मेरे समाज को प्रभावित कर रहा है।
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में न तो डिस्को हैं और न ही नाइट क्लब। यहां का समाज बिल्कुल अलग है। यहां रहने का एक अलग तरीका है। अगर आप यहां प्रलोभन बढ़ाते हैं और युवाओं को कहीं जाने का मौका नहीं मिलेगा, तो इसके कुछ परिणाम सामने आएंगे।
इमरान इससे पहले भी इस तरह के विवादित बयान दे चुके हैं। इससे पहले देश में रेप की बढ़ती घटनाओं से घिरे इमरान ने महिलाओं को घूंघट करने की सलाह दी थी। उन्होंने अश्लीलता के लिए भारत और यूरोप को जिम्मेदार ठहराया। इमरान ने कहा था कि हमें पर्दा प्रथा की संस्कृति को बढ़ावा देना है, ताकि प्रलोभन से बचा जा सके।
आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो पाकिस्तान में रोजाना रेप की 11 घटनाएं दर्ज होती हैं। पिछले 6 महीने में यहां की पुलिस में रेप की 22 हजार शिकायतें दर्ज की गई हैं, जियो न्यूज के मुताबिक इस दौरान सिर्फ 77 आरोपियों को सजा मिली है, यह कुल मामलों का सिर्फ 0.3% है।