न्यूज – पूरी भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बाद आज से शुरू हो गई। इसे दुनिया का सबसे बडा रथ उत्सव माना जाता है। भगवान जगन्नाथ (जिसे भगवान विष्णु के रूप में भी जाना जाता है), बलभद्र (उनके भाई) और सुभद्रा (उनकी बहन) के देवता नौ दिनों के लिए एक रथ पर गुंडिचा मंदिर के लिए यात्रा करेंगे।
पूरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा निकल रही
हिंदू धर्म में पवित्र माने जाने वाली सदियों पुरानी रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट के 18 जून को दिए अपने आदेश को वापस लेने के बाद आज पूरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा निकल रही है। भगवान जगन्नाथ की इस वार्षिक कार यात्रा को जगन्नाथ रथ यात्रा कहा जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलने के बाद पुरी जिले के अधिकारियों, भगवान जगन्नाथ मंदिर के पुजारी और सेवादारों, नागरिक अधिकारियों, ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए सोमवार देर रात यंहा दौरा किया।
पुरी में जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा शुरू करने से पहले सैनेटाइजेशन का काम किया गया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जा रही है।
अहमदाबाद में मंदिर परिसर में ही निकाली जा रही जगन्नाथ यात्रा में सीएम विजय रुपाणी भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रथयात्रा निकालने की अनुमति मांगी गई थी। लेकिन हार्ईकोर्ट से रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं मिली।
जगन्नाथ मंदिर के पुजारी और सेवादारों भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथों में लाकर पहाड़ी विजय पूजा करवाते है। और भगवान विष्णु के सबसे समर्पित माने जाने वाले हनुमान के देवताओं को उनके रथ में रखा जाता है।
भगवान जगन्नाथ के रथों को हर साल हजारों कारीगरों और श्रमिकों द्वारा एक विशेष प्रकार के पेड़ों से एक विशेष लकड़ी का उपयोग करके बनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ का रथ लगभग 45 फीट ऊँचा और 35 फीट चौकोर है और इसके निर्माण में लगभग दो महीने लगते हैं और इसमें 16 पहिए हैं।
पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दी
पीएम मोदी ने दी रथयात्रा की शुभकामनाएंपीएम मोदी ने आज ट्वीट कर भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की शुभकामनाएं दी। पीएम ने कहा कि यह आयोजन देशवासियों के जीवन में खुशी, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आए।
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