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पंतजलि ने लांच की कोरोना की दवा “कोरोनिल”, सरकार ने प्रोमोशन पर लगाई रोक

savan meena

न्यूज –  पतंजलि की तरफ से आई है योग गुरु बाबा रामदेव ने  दावा किया कि पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी ने कोरोनावायरस की दवा तैयार कर ली है। इधर कोरोना का इलाज के लिए पंतजलि के कोरोनिल दावे पर फिलहाल केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। केंद्र सरकार का त​र्क है कि पतंजलि के दावे के फैक्ट और वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी हमें नहीं है। सरकार ने कहा कि पतंजलि को हमें इस दवा की जानकारी देनी होगी। वहीं दवा को लेकर हमारी जांच पूरी होने तक इस दवा को प्रमोशन और विज्ञापन पतंजलि ना करे।

पहली मेड इन इंडिया आयुर्वेदिक दवा

योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में आयुर्वेदिक कोविड-19 दवा का शुभारंभ किया। कोरोनावायरस के इलाज के लिए पहली मेड इन इंडिया आयुर्वेदिक दवा लांच की गई,

हमें गर्व है कि पहली दवाई हमने तैयार कि – रामदेव

प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव ने कहा कि दुनिया इसका इंतजार कर रही थी कि कोरोना वायरस की कोई दवाई निकले, आज हमें गर्व है कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई को हमने तैयार कर लिया है, इस आयुर्वेदिक दवाई का नाम 'कोरोनिल' है।

रामदेव बोले कि आज ऐलोपैथिक सिस्टम मेडिसन को लीड कर रहा है, हमने कोरोनिल बनाई है, जिसमें हमने क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी की, सौ लोगों पर इसका टेस्ट किया गया, तीन दिन के अंदर 65 फीसदी रोगी पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए। जबकि सात दिन में सौ फीसदी लोग ठीक हो गए, हमने पूरी रिसर्च के साथ इसे तैयार किया है, हमारी दवाई का सौ फीसदी रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है।

5-14 दिनों में पॉजिटिव को नेगेटिव करने का दावा

पतंजलि के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया कि पतंजलि द्वारा विकसित एक आयुर्वेदिक दवा कोविद -19 रोगियों को ठीक करने में सक्षम है।  उन्होंने ट्विटर पर कहा 'पतंजलि ने कोरोनोवायरस संक्रमण के लिए मंगलवार को अपनी आयुर्वेदिक दवा 'Swasari Vati and Coronil' लॉन्च की है।

दावा: रोगियों को 5-14 दिनों के भीतर ठीक करने में सक्षम

बालकृष्ण ने कहा कि कोरोनोवायरस संक्रमण के लिए दवा पहली और सबसे महत्वपूर्ण सबूत आधारित आयुर्वेदिक दवा है।  इस महीने की शुरुआत में, आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि आयुर्वेदिक दवा कोविद -19 रोगियों को 5-14 दिनों के भीतर ठीक करने में सक्षम है।

रोगियों पर क्लिनिकल केस स्टडी की

बालकृष्ण ने कहा  "हमने COVID-19 के प्रकोप के बाद वैज्ञानिकों की एक टीम नियुक्त की। सबसे पहले, सिमुलेशन किया गया और रोगियों की पहचान की गई। वायरस से लड़ने और शरीर में इसके प्रसार को रोकने के लिए फिर, हमने सैकड़ों सकारात्मक रोगियों पर क्लिनिकल केस स्टडी की और हमें 100 प्रतिशत अनुकूल परिणाम मिले"

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