Earth Day 2022
Earth Day 2022  image credit - google
Science

Earth Day Special 2022: पृथ्वी दिवस पर जानें धरती से जुड़े हैरान करने वाले रोचक तथ्य

Jyoti Singh

हर साल 22 अप्रैल को दुनियाभर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस मानाने का मकसद है लोगों को पर्यावरण क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैवविविधता संरक्षण के प्रति जागरुक करना। हर साल इस दिन के लिए एक विशेष थीम रखी जाती है, जिसके माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाता है। इस साल इसकी थीम ‘इन्वेस्ट इन आवर प्लेनेट’ है। इसमें मुख्य बिंदु साहसिक तरीके से काम करना, व्यापक रूप से इनोवेशन करना और न्यायसंगत तरीके से लागू करना है।

इस खास दिन के लिए हम आपके लिए पृथ्वी से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य आपके सामने लेकर आए है जिन्हें पढ़कर आपकों हमारे प्लेनेट से जुड़ी नयी-नयी जानकारियों को जानने का मौका मिलेगा...

लगभग 4.54 अरब साल पुरानी है हमारी पृथ्वी

पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.54 अरब साल पहले हुआ था। पृथ्वी की यह उम्र 5 करोड़ साल कम या ज्यादा भी हो सकती है। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की सबसे पुरानी चट्टान की खोज करके बायोमैट्रिक तरीके से इसकी उम्र का अनुमान लगाया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर जीवन की शुरुआत करीब 4.1 अरब साल पहले हुई थी।

एकमात्र ऐसा ग्रह जिसका नाम देवता के नाम पर नहीं है

बता दें कि हमारे सौरमंडल में सभी ग्रहों के नाम रोमन या ग्रीक देवी-देवताओं के नाम पर है पर धरती एकमात्र ऐसा जिसका नाम किसी भी देवता के नाम पर नहीं रखा गया है।

पूरी तरह से गोल नहीं है पृथ्वी

पृथ्वी स्पष्ट रूप से सपाट नहीं है, लेकिन यह बिल्कुल गोल भी नहीं है। यह एक कुचला हुआ गोला है, क्योंकि जब यह घूमता है, तो गुरुत्वाकर्षण इसे अंदर धकेलता है और अभिकेन्द्रीय बल बाहर धकेलता है। यह वह बनाता है जिसे साइंटिफिक अमेरिकन कहते हैं "एक ऐसा गोला जो अपने ध्रुवों पर कुचला जाता है और भूमध्य रेखा पर सूज जाता है।"

झीलों में हो सकता है विस्फोट

जब कभी हम झीलों के बारे में सोचते हैं, तो आमतौर पर हमारे मन में एक शांत वातावरण की अनुभूती होती है, क्योंकि झील के आसपास का इलाका काफी शांत होता है। पर क्या आपको पता है कि हमारे पृथ्वी पर कुछ झीलें ऐसी भी है जिनमें विस्फोट होता है। जी हां पिछले कुछ वर्षों में अफ्रीका ने झीलों में विस्फोट की घटनाओं को अनुभव किया है। यहां ज्वालामुखी गैसों के फटने से झीलों की सतह पर विस्फोट होता है जिससे लोगों को काफी नुकसान होता है।

न्योस झील

ऐसी ही एक घटना अगस्त 1986 में, कैमरून में न्योस झील में देखी गई। यहां ज्वालामुखीयों की 950 मील लंबी श्रृंखला है। ज्वालामुखी में गैसों के फटने के झील में विस्फोट की घटना हुई। इस घटना में करीब 1700 लोग मारे गए थे।

60 टन कॉस्मिक डस्ट पृथ्वी पर प्रतिदिन गिरती है

"कॉस्मिक डस्ट" देखने में जादुई लगता है, पर इसे रास्ते में देखना एक सुखद अनुभव का अहसास कराता है। कॉस्मिक डस्ट क्षुद्रग्रह या धूमकेतु के टकराव से पीछे रह जाने वाली ब्रह्मांडीय धूल है। यह दैनिक आधार पर, उल्कापिंडों, धूमकेतुओं और अन्य सौर पिंडों से धूल या छोटे कणों में पृथ्वी पर गिरती है जो ग्रह के वायुमंडल में सोडियम और लोहे के स्तर को बढ़ाते हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कुल मिलाकर प्रतिदिन लगभग 60 टन ब्रह्मांडीय धूल पृथ्वी पर गिर रही है।

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