नोवाक जोकोविच

 
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Novak Djokovic ने अदालत में कोर्ट में दी पटखनी, क्या खेल पाएंगे ऑस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट

सर्बिया खिलाड़ी नोवाक ने ऑस्ट्रेलिया में रहने की लड़ाई जात ली है लेकिन उनका टूर्नामेंट में खेलने पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है.

Raunak Pareek

टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच के ऑस्ट्रेलिया का वीज़ा रद्द करने के मामले में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने जोकोविच को प्रवासन हिरासत केंद्र से छोड़ने के आदेश दिए है.

बीते सप्ताह ऑस्ट्रेलियन ओपन में भाग लेने के पहुंचे सर्बियाई टेनिस खिलाड़ी जोकोविच को कोरोना वैक्सीनेशन ना होने के कारण वीज़ा रद्द कर दिया गया था. जिसके बाद वो इस लड़ाई को लेकर कोर्ट में गए. जहां उनके वकिलों की जिरह के बाद वे इस मुकदमें को जीत गए.

न्यायाधीश एंथनी कैली ने जोकोविच के वीज़ा रद्द करने के ऑस्ट्रेलियाई प्राधिकरण के फ़ैसले को 'ख़ारिज' कर दिया. इसका मतलब है की उनका वीजा के लिए वैध तरीके से एप्लाई किया गया था और वो अब ऑस्ट्रेलिया में दाख़िल हो सकते हैं.

नज़र ऑस्ट्रेलियाई सरकार के रुख पर -

कोर्ट आदेश के बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार का पहला रिएक्शन सामने आ चुका है. जिसमें आंतरिक मंत्री ने कहा है कि जोकोविच ऑस्ट्रेलिया में रुकेंगे या नहीं, इसका फैसला सरकार को करना है. क्योंकि अभी भी सरकार के पास इन्हे तुरंत वापस भेजने की ताकत है. इसी कारण नोवाक जोकोविच के ऑस्ट्रेलियन ओपन खेलने पर सस्पेंस बना है.

आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलियन ओपन के मेन ड्रॉ की शुरुआत 13 जनवरी से होनी है. दुनिया के कई बड़े खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में अपना डेरा जमा चुके है. हर खिलाड़ी, स्टाफ और बाकी लोगों के लिए इस टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए डबल वैक्सीनेटेड होना जरूरी है.

क्या हैं मामला ? -

दुनिया के टॉप टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक को पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर प्रवासी हिरासत केंद्र में रखे जाने की घटना पर विवाद बढ़ गया है और यह मामला कोर्ट पहुंच गया है जिस कारण हर तरफ गुस्सा और विरोध हो रहे है.

टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के साथ पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उन्हे प्रवासी हिरासत केंद्र में रखे जाने की घटना ने तूल पकड़ लिया है. इस कारण ज्यादातर लोग प्रशासन पर आक्रोशित दिखे, फिर चाहे वो संघीय सरकार हो या फिर प्रांत की विक्टोरिया सरकार.

नोवाक जोकोविच

उस समय की परिस्तिथि का जिस तरह कुप्रबंधन हुआ उसके बाद अविश्वास की भावना पैदा हुई. यह माना जा रहा है कि संवाद और राजनीतिक खींचतान में बड़ी भारी चूक हुई है. नोवाक को बुधवार को ऑस्ट्रेलिया पहुंचना था. हालाकी वो ऑस्ट्रेलिया में बहुत चर्चित खिलाड़ी नहीं है लेकिन उन्हे लेकर गुस्सा भी लोगों में था. एक समय ये कहानी बेहद सीधी लग रही थी.

कहने की बात नहीं है लेकिन आप जानते है की जोकोविच एक विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर कोरोना की वैक्सीन का विरोध किया है. परंतु उन्हें ऑस्ट्रेलिया में खेलने के लिए कथित तौर पर छूट दी गई थी. हालांकि ऑस्ट्रेलिया में दुनिया में सबसे कठोर कोरोना संबंधी नियम लागू है. वहां आम लोगों को देश में आज़ादी से आवागमन करने के लिए भी टीका लगवाना अनिवार्य है.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने क्या कहा -

पब्लिक के गुस्से पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ऑस्ट्रेलिया पीएम स्कॉट मॉरिसन ने बुधवार को कहा कि जोकोविच को छूट देने का फ़ैसला प्रांतीय सरकार विक्टोरिया का है. आपको बता दे की जोकोविच ऑस्ट्रेलियाई ओपन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे.

वही कुछ घंटे बाद ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्री केरेन एंड्र्यूज़ ने पीएम से अलग बयान दिया और कहा कि 'भले ही टेनिस ऑस्ट्रेलिया और विक्टोरिया सरकार एक बिना टीका लगवाए खिलाड़ी को खेलने की अनुमति दे दे, लेकिन संघीय सरकार देश की सीमाओं पर अपने नियमों को लागू करेगी.'

उसके अगले ही दिन जब ये पता चला कि 34 वर्षीय जोकोविच का वीज़ा रद्द कर दिया गया है और उन्हें वापस अपने घर भेजा जाएगा तो पीएम मॉरिसन ने अपना पक्ष बदला.

प्रधानमंत्री ने कहा, "नियम नियम हैं."

अगल 24 घंटे के अंदर ही पीएम मॉरिसन ने यू-टर्न लिया. उन्होंने शुरुआत में कहा था कि सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच का ऑस्ट्रेलियाई ओपन में हिस्सा लेना विक्टोरिया की प्रांतीय सरकार का मामला है. इसके बाद उन्होंने संघीय नियमों का भी समर्थन किया. इस घटना के पीछे की हालातों पर राजनीति को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है.

अलग राय होन के कारण केंद्र और विक्टोरिया सरकार में खीचतान -

ऑस्ट्रेलिय की प्रांतीय और संघीय सरकार में तनाव का कारण दोनो की अलग-अलग राय है.विक्टोरिया प्रांत चाहता है कि दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी नोवाक जोकोविच इस अहम टूर्नामेंट में खेले.वही दूसरी और संघीय सरकार जोकोविच की देश में एंट्री को लेकर अपने देश की जनता के गुस्से का सामना कर रही है और ये संकेत देना चाहती है कि वही यह तय करेगी कि कौन देश में आएगा और कौन नहीं.

संघीय सरकार इस बात का भी संकेत दे रही है कि टेनिस स्टार समेत हर किसी को कोरोना के नियमों की पालना करनी होगी.आपको बता दे की इस साल ऑस्ट्रेलिया में इलेक्शन होने है. जिस कारण ऑस्ट्रेलिया सरकार को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है. क्योकी काफी समय से ऑस्ट्रेलिया में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और टेस्ट क्लिनिकों पर भीड़ भी.

एक्सपर्ट का कहना है की मॉरिसन ने नोवाक के मौके को इस्तेमाल कर ये दिखाने की कोशिश की वो देश की सीमाओं से जुड़े मुद्दो पर सख्त है. लेकिन कोरोना संक्रमण के नियमों और वीज़ा ज़रुरतों पर अपने रुख को सख्त सरकार ने स्थिति को कठिन बना दिया है.

जो बयान इस मुद्दे पर दिया जा रहा है, जो सूचनाएं सामने आ रही है इस कारण और अधिक अनिश्चितता ज़ाहिर हो रही है.

अब तक क्या हुआ कोर्ट में –

उन्हे प्रवासी हिरासत केंद्र में रखे जाने की घटना ने तूल पकड़ लिया है. जिसके बाद जोकोविच की क़ानूनी टीम ने उन्हें वापस भेजने के फ़ैसले को कोर्ट में चुनौती दी. वही ऑस्ट्रेलिया की ओर से पेश हुए वकीलों ने कहा है ऑस्ट्रेलिया ने जोकोविच को चिकित्सा छूट पर देश में आने का भरोसा नहीं दिया था. कोर्ट में शनिवार को उनकी टीम की और से दस्तावेज़ पेश किए गए जिसमें कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया की यात्रा से पहले टेनिस ऑस्ट्रेलिया के दो पैनलों ने जोकोविच को वैक्सीन में छूट दी थी.

आपको बता दे की यही संस्थान ऑस्ट्रेलिया और विक्टोरिया में टेनिस टूर्नामेंटों का संचालन करती है. टेनिस स्टार खिलाड़ी के अधिवक्ताओं का कहना है कि टेनिस ऑस्ट्रेलिया ने बताया था कि 16 दिसंबर को कोरोना से संक्रमित होने के बाद भी वो ऑस्ट्रेलिया में एंट्री ले सकते है. वहीं उनसे ये भी कहा गया था कि वो ये मान सकते हैं कि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई ओपन में खेलने दिया जाएगा.

इस विवाद के बाद सभी पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे है. लेकिन इसके बाद जो सवाल खड़े होते है उसका ना ही ऑस्ट्रेलियाई सरकार, ना ही विक्टोरिया की प्रांतीय सरकार और ना ही टेनिस ऑस्ट्रेलिया जवाब दे रहा है.

वहीं टेनिस ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि उसे मंगलवार तक यह जानकारी मिल जानी चाहिए कि जोकोविच को खेलने की अनुमति मिलेगी या नहीं क्योंकि ऑस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट के उनके मैच 17 जनवरी से शुरू होने वाले हैं.

दूसरी और जोकोविच के समर्थन में उठ रही आवाज़ें -

मामले के अदालत में जाने के बाद नोवाक कोर्ट के फ़ैसले का इंताजार कर रहे है. अदालत ही तय करेगी कि वो ऑस्ट्रेलिया में रुक सकेंगे या नहीं. जोकोविच को अपना ख़िताब को भी बचाना है. जिस तरह से सरकार द्वारा उनके साथ बर्ताव हुआ आम जनता की भावनाएं उनके साथ दिखाई दे रही है.

इस मामले पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी निक काइरजियोस जिनके द्वारा महामारी को लेकर जोकोविच के रवैये की आलोचना की थी, वह अब उनके बचाव में आ गए है. निक ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया ने उनके साथ ख़राब व्यवहार किया है और प्रशासन को और बेहतर काम करना चाहिए.

वहीं मानवाधिकार संगठन अब जोकोविच के समर्थन में आ रहे है. ह्यूमन राइट्स वॉच से जुड़ी सोफ़ी मैकनील कहती है जैसा व्यवहार जोकोविच के साथ हुआ है उससे वो परेशान हैं.

अब प्रशासन कई अन्य लोगों के वीज़ा की पड़ताल भी कर रहा है. शनिवार को चेक रिपबल्कि की खिलाड़ी रेनेटा वोराकोवा भी वापस लौट गईं. क्योकी उनका वीज़ा भी रद्द कर दिया गया था.

ऑस्ट्रेलिया ओपन 17 जनवरी को मेलबर्न में शुरू होने है.लेकिन देश की सबसे बड़ी और सबसे अहम खेल प्रतियोगिता ने ऑस्ट्रेलिया के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा की है. अब दुनियाभर की निगाहें ग़लत कारणों से ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ हैं.

क्या टूर्नामेंट जनता की जान से ज्यादा जरुरी –

ऑस्ट्रेलिया सरकार और विक्टोरिया आपस में आपसी एक मत नहीं होना यह दिखाता है की चुनाव में नंबर कमाना कहीं सरकार पर भारी ना पड़ा जए.

सवाल उठता है की सरकार द्वारा बनाए गए कोरोना के नियमों की अगर देश में ही पालना नहीं होगी तो बाहर से आने वाले लोग देश में कोरोना के नियमों की पालना कैसे करेंगी और जब देश में ही लोग नियमों की पालना नहीं कर रहे है तो बाहर से आने वाले लोग कैसे करेंगे पालना... जवाब दे।

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