भारत में हर व्यक्ति को किसी ना किसी चीज का नशा है। कोई मादक पदार्थ के नशे में मशगूल है तो कोई चाय के नशें में, पर अब चीजें बदलती जा रही है। पश्चिमी देशों की पहचान मानी जा रही काफी अब भारत में भी लोगों के दिलों पर राज कर रही है।
भारत में काफी लवर्स की संख्या कम नहीं है। आज उन्हीं काफी लवर्स की जानकारी के लिए गूगल ने एक बहुत ही खास डूडल बनाया। यह डूडल में Angelo Moriondo की एस्प्रेसो मशीन के बारे में है। बता दें की आज हम जिस काफी का लुफ्त उठा रहे है उसकी मशीन को Angelo Moriondo ने ही बनाया था। इन्हें एस्प्रेसो मशीन का गॉडफादर कहा जाता है। आज इनकी 171वीं जयंती है।
मोरियोनडो के समय में इटली में कॉफी लोकप्रिय थी। ऐसे में लोग बड़ी संख्या में वहां कॉफी पीने जाते थे। लेकिन ग्राहकों को बहुत देर तक कॉफी बनने का इंतजार करना पड़ता था। ऐसे में मोरियोनडो ने सोचा कि अगर एक बार में कई कप कॉफी बनाई जाए तो यह समस्या कम की जा सकती है। इससे ज्यादा ग्राहकों को सर्विस मिलेगी और वह बिजनेस बढ़ा सकेंगे। इसी सोच के साथ उन्हें यह मशीन बनाने का आईडिया आया।
Angelo Moriondo ने 1884 में ट्यूरिन के जनरल एक्सपो में अपनी एस्प्रेसो मशीन पेश की। यह मशीन उन्होंने एक मैकेनिक को खास दिशा-निर्देश देकर बनवाई। इस मशीन से कम समय में ज्यादा मात्रा में काफी आराम से बनाई जा सकती थी। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें जनरल एक्सपो में कांस्य पदक से सम्मानित भी किया गया था।
Angelo Moriondo की एस्प्रेसो मशीन की बात करे तो यह मशीन भाप और उबलते पानी के संयोजन से कॉफी बनाती है। इस मशीन में एक बड़ा बॉयलर था जो कॉफी बीन्स के ऊपर गर्म पानी डालता था। जबकि एक दूसरा बॉयलर भाप बनाता था जिससे कॉफी ब्रियू होती थी।
23 अक्टूबर, 1885 को पेरिस में इस एस्प्रेसो मशीन को इंटरनेशनल पेटेंट मिला था। इसका शीर्षक कॉफी पेय के आर्थिक और तात्कालिक कन्फेक्शन के लिए नई भाप मशीनरी विधि, 'A. Moriondo.' रखा गया था। मोरियोनडो ने इस अविष्कार के सालों बाद तक इसमें सुधार करना और उसे पेटेंट करना जारी रखा था।