न्यूज – कोरोना से पूरी दुुनिया में तबाही मची है अब तेलंगाना सरकार ने सोमवार को बडा फैसला लेते हूए अपने सभी कर्मचारियों, नौकरशाहों और जनप्रतिनिधियों के वेतन में भारी कटौती करने की घोषणा की है। यह कदम कोरोनावायरस के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति चरमराने की वजह से लिया गया है। वायरस ने अबतक राज्य के 77 लोगों को प्रभावित किया है।
वेतन में कटौती न्यूनतम 10 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 75 प्रतिशत तक की जाएगी। केंद्र सरकार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया है जो हालात का विश्लेषण कर आगे का रास्ता सुझाएगा। तेलंगाना ने इसी के चलते पहले कार्रवाई की है, रविवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इशारा किया कि वेतन में देरी और कटौती की ओर इशारा किया।यह फैसला प्रगति भवन में हालात की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया गया।
कोरोना वायरस ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल है, पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिएवा ने कहा था कि दुनिया मंदी के दौर में प्रवेश कर चुकी है और यह 2009 से भी बुरी होगी।
तेलंगाना सीएमओ की तरफ से कहा गया है कि मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट साथियों, विधायकों, विधानसभा परिषद सदस्य, विभिन्न राज्य-स्तरीय निगमों के अध्यक्ष और शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के वेतन में 75 फीसदी की कटौती की जाएगी। आईएएस, आईपीएस और आईएफएस में शामिल सभी भारतीय सेवा अधिकारियों के वेतन में 60 फीसदी की कटौती की जाएगी।
हालांकि इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है कि वेतन में कटौती कब तक लागू रहेगी, शिक्षकों, और राजकीय कार्यालयों सहित राज्य सरकार के अन्य सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के मासिक वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती होगी।
बयान में कहा गया है चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों जैसे चपरासी, सफाईकर्मी और ड्राइवर, और आउटसोर्स और अनुबंध के कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। यहां तक की राज्य के सेवानिवृत्त लोगों को भी नहीं छोड़ा गया है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सभी श्रेणियों के पेंशन में 50 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।