नेपाल: PM शेर बहादुर देउबा ने मारी बाजी, और बढ़ी पॉलिटिकल पावर, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष का जीता चुनाव

 

Image By : Navesh Chitrakar/Reuters 

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नेपाल: PM शेर बहादुर देउबा ने मारी बाजी, और बढ़ी पॉलिटिकल पावर, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष का जीता चुनाव

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पार्टी अध्यक्ष के लिए जारी मतदान में जीत हासिल कर ली है। यह जीत देउबा ने आम सम्मलेन के दौरान हासिल की है। इससे पहले सोमवार को हुए मतदान में कुल 4,743 योग्य मतदाताओं में से 4,679 वैध वोट डाले गए थे और इनमें से 76 मतों को अवैध घोषित कर दिया गया था।

Ishika Jain

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पार्टी अध्यक्ष के लिए जारी मतदान में जीत हासिल कर ली है। यह जीत देउबा ने आम सम्मलेन के दौरान हासिल की है। इससे पहले सोमवार को हुए मतदान में कुल 4,743 योग्य मतदाताओं में से 4,679 वैध वोट डाले गए थे और इनमें से 76 मतों को अवैध घोषित कर दिया गया था। पीएम देउबा को जहां 2,733 मत प्राप्त हुए। वहीं, उनके दावेदार शशांक कोइराला को कुल 4,623 वोटों में से 1,855 वोट मिले।

हालांकि, इलेक्टोरल बॉडी ने अभी तक नतीजों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन PM देउबा को पार्टी अध्यक्ष के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया है। बता दें कि, 14वें आम सम्मेलन के तहत सोमवार को हुए इस चुनाव में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, डॉ शेखर कोइराला, प्रकाश मान सिंह, बिमलेंद्र निधि और कल्याण गुरुंग उम्मीदवार थे।

दूसरे चरण के लिए जारी है मतदान

नेपाल में 4 बार प्रधानमंत्री रह चुके देउबा को भारत समर्थक माना जाता है। 2017 में प्रधानमंत्री बनने के बाद वह दिल्ली आए थे। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। भारत के साथ आर्थिक संबंधों से लेकर देउबा मधेशियों के मामले में नरम रुख दिखाते रहे हैं। पहले चरण में देउबा को 2258 वोट मिले। इसी तरह डॉ. कोइराला को 1702 वोट, निधि को 249 वोट, सिंह को 371 वोट और गुरुंग को 22 वोट मिले। पहले दौर के मतदान में किसी को भी 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिले। इसके बाद दोपहर साढ़े तीन बजे दूसरे चरण का मतदान शुरू हुआ। दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है क्योंकि किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट नहीं मिले।

शेर बहादुर देउबा, नेता, नेपाली कांग्रेस

बता दें कि, पिछले साल दिसंबर से ही नेपाल में राजनीतिक संकट छाया हुआ है। नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी में कलह के कारण सरकार नहीं चल सकी। प्रधान मंत्री ओली की सलाह पर, राष्ट्रपति ने 20 दिसंबर को संसद भंग कर दी और 30 अप्रैल और 10 मई को चुनाव की घोषणा की, लेकिन फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने संसद को बहाल कर दिया। इस साल जुलाई में शेर बहादुर देउबा 5वीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने।

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