New MCC Laws: अब क्रिकेट प्रेमियों को मैदान पर कुछ नियम बदले हुए दिखेंगे। (what is new mcc law?) जी हां! मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब ने कैच आउट और मांकड़िंग से जुड़े रूल्स में बदलाव किया है। साथ ही बॉल पर सलाइवा के इस्तेमाल पर परमानेंट्ली बैन लगा दिया गया है। (MCC announce new code of laws) ऐसे में अब किसी बल्लेबाज के कैच आउट होने पर नए बैट्समेन को ही को ही पहली गेंद खेलनी होगी।
इसी तरह मांकड़िंग को भी अब रन आउट का हिस्सा बना दिया गया है और इसी तरीके से आउट होने वाले बैट्समेन को रन आउट माना जाएगा। बता दें कि मांकड़िंग का नियम हमेशा से ही विवादों में रहा है। क्योंकि इसे खेल भावना के वीपरीत माना जाता रहा है। अब इसे रन आउट में शामिल करने पर गेंदबाजों को इस तरीके से विकेट लेने में आसानी होगी।
यहां ये भी बताना जरूरी है कि साल 2019 में आर अश्विन ने आईपीएल के दौरान जॉस बटलर को मॉकडिंग के तहत आउट कर नए विवाद को जन्म दे दिया था। उस दौरान उनकी खूब आलोचना हुई थी।, लेकिन उस दौरान आर अश्विन ने सफाई दी थी कि उन्होंने बटलर को मैच के दौरान पहले वॉर्निंग भी दी थी, लेकिन जब दो तीन बार उन्होंने ऐसा किया तो आर अश्विन ने उन्हें आउट कर दिया।
क्रिकेट में यह नियम माना तो जाता है, लेकिन इसे लेकर क्रिकेट में दो धड़े हैं। कुछ पूर्व क्रिकेट एक्सपटर्स इसके पक्ष में हैं तो कुछ का तर्क है कि इस तरह से आउट किए जाना खेल भावना को विपरित है।
MCC ने अब क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए थूक या मूंह के सलाइवा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि पहले कोविड 19 के संक्रमण फैलने के कारण इसे लागू किया गया था। गेंदबाज या अन्य खिलाड़ी गेंद को चमकाने या धूल हटाने के लिए पसीने और सलाइवा का इस्तेमाल करते आ रहे थे। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस तरह से गेंद चमकाने पर बैन लगा दिया गया था।
अब नए नियम के तहत थूक और पसीने का इस्तेमाल गेंद चमकाने में करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पहले खिलाड़ी गेंद पर लार का प्रयोग करने के लिए शुगर प्रोडक्ट का यूज करते आ रहे थे। ऐसे में इसे अनुचित की श्रेणी में रखा गया है। अभी तक ये माना जाता था कि सलाइवा के यूज से गेंद को स्विंग अच्छी मिलती है। लेकिन नए प्रतिबंध के बाद खिलाड़ी ऐसा कुछ भी नहीं कर पाएंगे।
MCC क्या है और इसकी स्थापना कब हुई?
आपको बता दें कि MCC पूरी दुनिया में क्रिकेट से जुड़े नियमों की संरक्षक है। इसकी स्थापना सन 1787 में की गई थी। नियमों में बदलाव यही संस्था करती है। क्लब के 18 हजार पूर्णकालिक और पांच हजार एसोसिएट सदस्य हैं। मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ही लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान का रख रखाव भी करती है।
MCC (Marylebone Cricket Club) पहले इंग्लैण्ड और वेल्स और पूरी दुनिया में क्रिकेट को कंट्रोल करने वाली इकाई थी। 1993 में इसके कई इंटरनेशनल वर्क्स को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउन्सिल (ICC) को ट्रांसफर कर दिया गया और इसके इंग्लिश एडमिनिस्ट्रेशन को उसी समय टेस्ट एंड कंट्री क्रिकेट बोर्ड (TCCB) को ट्रांसफर कर दिया गया। अब एमसीसी केवल नियमों का संरक्षक एवं खेल की भावना का सरंक्षक ही कर रही है।