Lalu Yadav Update News - डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी ठहराए गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को आज सीबीआइ की विशेष अदालत ने 5 साल की सजा सुना दी है। (CBI Court Sentence Lalu Yadav) 60 लाख जुर्माना लगाया गया है। (Lalu Prasad Yadav Convicted) जानकारी के अनुसार आज सोमवार को दोपहर करीब 2 बजे सजा की घोषणा की गई। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
(Lalu Convicted Fodder Scam) CBI के जज एस के शशि ने इन दोषियों को सजा सुनाई। इससे पूर्व सभी दोषियों ने ऑनलाइन कोर्ट में हाजिरी लगाई। लालू यादव इस समय रांची रिम्स में इलाज करा रहे हैं। यहां पर होटवार जेल प्रशासन की ओर से उन्हें एक लैपटाप उपलब्ध कराया गया था। इसी लैपटाप के सहारे लालू यादव ने अपनी सजा सुनी। सजा सुनाए जाने से पहले लालू प्रसाद की ओर से उनके वकील प्रभात कुमार ने अदालत में बहस की। उन्होंने कहा कि लालू यादव की उम्र 75 साल हो गई है। लालू को कुल 17 तरह की बीमारियां है। बीपी और शुगर का भी हवाला दिया। अदालत से उन्होंने कम से कम सजा देने की मांग की। उधर सीबीआई के वकील ने बहस करते हुए सभी दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की।
जानिए : किसे कितनी सजा और कितना जुर्माना लगा
(Lalu Convicted Fodder Scam)
रिपोर्ट के अनुसार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को IPC की धारा 120बी, 420, 409, 467, 468, 471, 477ए के अलावे भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 की 13 (1), 13 (2)सी की धाराओं के तहत दोषी पाया है। रांची की स्पेशल CBI अदालत ने पिछले 15 फरवरी को ही उन्हें इन धाराओं के तहत गुनहगार पाया था, जिस मामले में सोमवार को उन्हें सजा सुनाई गई है। दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी ओर से सेहत का हवाला दिए जाने के बाद उन्हें रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान या रिम्स में भर्ती किया गया था।
कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी
(Illegal Withdrawal Treasury) डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का यह मामला वर्ष 1990 से 1995 के बीच का है। इस कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने पिछले दिनों कुल 24 अभियुक्तों को बरी कर दिया था। मालूम हो कि इसी वर्ष 29 जनवरी को सीबीआइ की विशेष अदालत में इस मामले की बहस पूरी हुई थी। वहीं, 15 फरवरी को सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि ने लालू प्रसाद यादव को कई धाराओं में दोषी ठहराया था।
उधर, जेल प्रबंधन ने होटवार जेल में भी पुख्ता प्रबंध कर रखा था। वहां वीडियो कांफ्रेंसिंंग रूम में बारी-बारी सभी दोषी पेश किए गए। सीबीआई अदालत ने उन्हें सजा सुनाई। वहीं लालू यादव ने रांची रिम्स के पेइंग वार्ड में सजा सुनी। मालूम हो कि 15 फरवरी को सीबीआइ अदालत ने इन सभी को चारा घोटला मामले में दोषी ठहराया था। 15 फरवरी को अदालत ने 35 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। वहीं, 24 अभियुक्तों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। शेष दोषियों को आज सजा सुनाई गई।
जज एसके शशि ने सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी की
इससे पहले सीबीआई कोर्ट के जज एसके शशि ने सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी की। कई लोगों की ओर से कहा गया कि इस मामले में ट्रायल 26 साल तक चला है जो अपने आप में एक सजा है। वही बीमारी और उम्र के कारण लोगों पर अदालत रहम करते हुए कम से कम सजा सुनाए। लालू यादव की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल और प्रभात कुमार ने अदालत को बताया कि लालू की उम्र 75 साल हो गई है और उन्हें 17 तरह की बीमारियां हैं। बीपी और शुगर हमेशा बढ़ा रहता है। एक अन्य बीमारी है जिसके चलते उनका अंग सुना पड़ जाता है। इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए।
चारा घोटाले का खुलासा कब और किस तरह हुआ ? (Lalu Convicted Fodder Scam)
बिहार के चारा घोटाले (Lalu Convicted Fodder Scam) का सबसे पहला खुलासा 27 जनवरी, 1996 को चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम) जिले (अब झारखंड में) में पशुपाल विभाग के ऑफिस में छापेमारी के दौरान हुआ था। इस घोटाले का खुलासा तेजतर्रार आईएएस (रिटायर्ड) अफसर अमित खरे (अब पीएम मोदी के सलाहकार) ने किया था, जो उस वक्त पश्चिम सिंहभूम के डिप्टी कमिश्नर थे। आगे चलकर यह बिहार का सबसे बड़ा स्कैम साबित हुआ। इस घोटाले में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव की भूमिका सामने आई थी। शुरू में राज्य सरकार यह केस सीबीआई को देने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन बाद में पटना हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच शुरू हुई थी। तब से लेकर सीबीआई और लालू यादव के बीच कानूनी जंग आज भी जारी है। इसी घोटाले की वजह से ही उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और उन्होंने तब अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का सीएम बना दिया था।
लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के चार अलग अलग मामलों में पहले ही हो चुकी सजा
मालूम हो कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के अन्य चार मामलों में सजा हो चुकी है। (Lalu Convicted Fodder Scam) उनको देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में 3.5 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, दुमका कोषागार से अवैध राशि की निकासी मामले में उनको 5 साल की सजा हो चुकी है। इसी तरह चाईबासा कोषागार से निकासी के एक मामले में उन्हें 5 साल और इसी कोषागार दूसरी अवैध निकासी के मामले में उन्हें 7 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। लालू प्रसाद यादव अपनी कुल सजा का आधा से अधिक समय जेल में गुजार चुके हैं। इसी आधार पर उन्हें जमानत दी गई थी।
CBI अधिवक्ता ने अधिकतम सजा देने की मांग की थी
CBI के अधिवक्ता बीएमपी सिंह की ओर से सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान कहा गया कि इस मामले में इतने आरोपी और गवाहों को पेश करने की वजह से ट्रायल में देरी हुई है लेकिन सबकी नजर इस बात को लेकर है कि इतने बड़े घोटाले में आखिर दोषियों को कितनी सजा मिलती है। इसलिए उनकी ओर से अदालत से आग्रह किया गया कि इस मामले में अधिकतम से अधिकतम सजा दी जाए।
लालू आगे क्या कानूनी रास्ता अपना सकते हैं ?
रांची स्पेशल CBI कोर्ट से सजा मिलने के बाद लालू यादव के वकील झारखंड हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं, जैसा कि वो हर मामलों में कानूनी विकल्प का भरपूर लाभ लेते रहे हैं। उनकी उम्र 73 साल हो चुकी है और इसके साथ ही उनकी बीमारियों का हवाला देकर उनकी सजा कम करने की अदालत से गुहार लगाई जा सकती है। लालू के वकील ने CBI कोर्ट में भी उनकी उम्र का हवाला सजा की मियाद तय होने के दौरान दिया था।