कई राज्यों की पुलिस पहले से ही अपने भ्रष्टाचार और हिंसक आचरण के लिए बदनाम है। वहीं बिहार पुलिस के पुलिसकर्मी ने तो हद ही पर कर दी। दरअसल बिहार के पुलिसकर्मी का एक वीडियो सामने आया है... इसे देख ऐसा लग रहा है जैसे पुलिस जनता पर अहसान करती है.... क्या वाकई ऐसा है कि पुलिस जनता पर अहसान करती है?
हमेशा प्रशासन और सरकारें पुलिस और आमजन के मजबूत रिश्ते की बात करती है, लेकिन पुलिस महकमे कुछ ऐसे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी होते हैं जो पुलिस विभाग को अपनी बपौती समझ लेते हैं। बहरहाल बिहार के सहरसा जिले की एक पुलिस चौकी से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायर हो रहा है। इसे देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पुलिसकर्मी की मानसिकता क्या होगी।
जानकारी के अनुसार नौहट्टा प्रखंड के दरहर थाना क्षेत्र में एक महिला को अपने बेटे को जेल से छुड़ाने के लिए ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की मालिश करने के लिए मजबूर किया गया। मालिश करते हुए किसी ने पुलिसकर्मी का वीडियो बना लिया। इसमें पुलिसकर्मी मालिश कराते हुए एक वकील से बात भी कर रहा है।
उधर उप मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ), सदर, संतोष कुमार ने भी वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि कर दी है। अधिकारी ने कहा है कि वे पहले ही इस वीडियो को देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट जिला एसपी को सौंप दी है। जल्द ही दोषी पुलिसकर्मी पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
लेकिन सवाल ये है कि वाकई इस अधिकारी पर कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में सुधार होगा? ऐसा इसलिए क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि कार्रवाई के बाद भी वर्दी का गलत इस्तेमाल करने वाले बेशर्मी से फिर इसी तरह का कृत्य करने लग जाते हैं।
महकमें पुलिस वर्दी का रौब झाड़ने वाले आपको कई राज्यों में मिल जाएंगे। लेकिन कड़ी कार्रवाई की बात करें तो राजस्थान जैसी नजीर दोषी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी पर करनी चाहिए। बता दें कि बीते साल मार्च में ACP कैलाश बोहरा ने मुकदमा दर्ज करवाने वाली 30 वर्षीय युवती से रिश्वत के बदले अस्मत मांगी थी। एसीबी को युवती ने शिकायत पहले कर दी थी और दोषी एसीपी बोहरा को पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ लिया। सरकार ने पुलिसकर्मी को निलंबित नहीं बल्कि बर्खास्त ही कर दिया था।