हिमाचल प्रदेश

Himachal Election 2022: भाजपा की महा तैयारी...कांग्रेस की 'इंतजारी'...आप ने झोंकी ताकत सारी

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा 15 अक्टूबर के बाद कभी भी हो सकती है। चुनावी रण के लिए भाजपा पूरी तरह तैयार है। पीएम मोदी समेत कई कद्दावर नेता दौरा कर चुके, जबकि कांग्रेस की अब तक की तैयारी कोई खास नहीं दिखी। एक भी बड़ा नेता प्रदेश का दौरा नहीं कर पाया, जबकि 'आप' पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है।

Om Prakash Napit

इसी साल हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। 15 अक्टूबर के बाद कभी भी इसकी घोषणा की जा सकती है। प्रदेश में चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। प्रदेश में फिर से वापसी के लिए भाजपा ने तो पूरी ताकत झोंक रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार हिमाचल का दौरा कर चुके, जबकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बैठक कर रणनीति बना चुके। हालांकि कांग्रेस का कोई बड़ा नेता अब तक हिमाचल का दौरा नहीं कर पाया है।

जबकि आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, भगवंत मान तक हिमाचल का दौरा कर वहां मुफ्त घोषणाओं का ऐलान कर चुके। इधर, 15 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह की सिरमोर में रैली प्रस्तावित है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी 14 या 15 अक्टूबर को चंबा जिले में कर सकते हैं।

चुनाव की घोषणा 15 के बाद कभी भी

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 15 अक्टूबर के बाद कभी भी घोषणा की जा सकती है। प्रदेश में अभी मतदाता सूचियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वर्ष 2017 में प्रदेश में नौ नवंबर को एक ही चरण में चुनाव हुए थे। इस बार भी एक ही चरण में चुनाव होने की संभावना है। राज्य में फिलहाल बीजेपी की अगुवाई में जयराम ठाकुर की सरकार है। 68 सदस्यी विधानसभा में बीजेपी के 47, कांग्रेस 20 और सीपीआईएम का 1 विधायक है।

भाजपा की महातैयारी

कांग्रेस के इन हलकों पर भाजपा की नजर

भाजपा हिमाचल में ऐसे क्षेत्रों पर भी की विशेष फोकस है। जहां पर पार्टी कमजोर है ऐसे में भाजपा ने अलग रणनीति पर काम करना शुरू किया है। बीजेपी की साजिश के तहत कांगड़ा जिले के पालमपुर, फतेहपुर, जुब्बल कोटखाई ,चौपाल, सिरमौर, कसौली, सुजानपुर विधानसभा सीटों पर विशेष नजर है। यहां भाजपा कांग्रेस की अपेक्षा कमजोर है। इसलिए इन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा कांग्रेस के मौजूदा विधायक और बड़े दावेदारों को पार्टी में शामिल करने की रणनीति पर काम कर रही है।

भाजपा की रणनीति से कांग्रेस परेशान

हिमाचल प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने आक्रामक तेवर अपनाया है। भाजपा की रणनीति से कांग्रेस में हलचल मची हुई है। हाल ही में भाजपा में दो कांग्रेस के मौजूदा विधायक शामिल हुए हैं। वही पिछले दिनों कई और नेता भी शामिल हो चुके हैं। इससे कांग्रेस की चुनावी तैयारियों पर असर पड़ा है। कांग्रेसी भी अब आक्रामक तेवर अपनाने के मूड में है।

हर विधानसभा सीट के लिए रणनीति

हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर बीजेपी मजबूती से चुनाव प्रचार में उतर चुकी है। वहीं राज्य में भाजपा की सरकार द्वारा लाने के लिए खुद गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हर विधानसभा सीट के लिए अलग रणनीति बनाने में जुटे हैं।

टिकट को लेकर भाजपा का नया दांव

हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहना चाहती है। इसीलिए भाजपा ने राज्य की स्थिति को लेकर और विधायक और मंत्रियों की परफारमेंस का सर्वे कराया है। इस सर्वे की रिपोर्ट में जहां भाजपा ने यह संकेत दे दिए हैं कि पिछली बार चुनाव में जीते हुए सभी विधायक को दोबारा टिकट पाने के हकदार नहीं होंगे, अच्छी छवि और अच्छे परफारमेंस वाले विधायक ही टिकट पाने के हकदार रहेंगे। इसके अलावा कई नए चेहरों पर भी विचार किया जा रहा है। भाजपा की इस रणनीति से राज्य के मौजूदा विधायकों में खलबली है।

कांग्रेस को एक और बड़ा झटका

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। राज्य महासचिव आश्रय शर्मा ने शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी बनने की बजाय कांग्रेस अब प्राइवेट लिमिटेड फर्म बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने मेरे लिए मंत्री पद छोड़ दिया था, अब मैं उनके लिए कांग्रेस पार्टी छोड़ रहा हूं। मालूम हो कि शर्मा दिवंगत नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते हैं।

एंटी इनकंबेंसी फैक्टर पर बीजेपी का ध्यान

हिमाचल प्रदेश में पिछले 5 साल से भाजपा की सरकार है, 2017 में पार्टी को 44 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस सिर्फ 21 सीटें ही जीत पाई थी, हिमाचल में हर पांच साल में सत्ता बदलने की वजह से इस बार कांग्रेस को उम्मीद है कि सरकार उसकी बन सकती है, हालांकि ये तय करना जनता का काम है, फिलहाल ऐसे चेहरों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनसे जनता नाराज है, ऐसे में बीजेपी यहां नए चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी में है।

दो दर्जन से ज्यादा MLA के टिकट खतरे में

भाजपा की ओर से टिकट के लिए कराए गए सर्वे की रिपोर्ट तो सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन अंदरखाने से जानकारी मिल रही है कि भाजपा आलाकमान की रडार पर दो दर्जन से अधिक ऐसे विधायक हैं, जिनकी परफॉर्मेंस से पार्टी संतुष्ट नहीं है, ऐसे में इनके उचित विकल्प तलाशे जा रहे हैं, खास बात ये है कि इन विधायकों में कुछ नाम मंत्रियों के भी शामिल हैं। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, ताकि जिन नेताओं की छवि जनता के बीच में खराब है, या जो काम नहीं करने के लिए जाने जाते हैं उन्हें मौका नहीं दिया जाए।

'मिशन हिमाचल' पर पीएम मोदी

  • 16-17 जून 2022: धर्मशाला में रोड शो किया

  • 31 मई 2022 : शिमला में रोड शो किया

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधन

  • 28 अप्रैल 2022 : हिमाचल दिवस पर संबोधन

  • 24 सितंबर 2022 : मंडी में युवा सम्मेलन रैली में संबोधन

नड्डा 3 अक्टूबर को ले चुके बैठक

जेपी नड्डा ने बिलासपुर जिला भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, हिमाचल भाजपा अध्‍यक्ष सुरेश कश्यप सहित अन्‍य नेता मौजूद रहे।

कांग्रेस की तैयारी फीकी

युवा कांग्रेस, एनएसयूआई के कंधों पर जिम्मा

मिशन-2022 की तैयारियों में जुटी प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने चुनावी रोडमैप तैयार कर लिया है। प्रदेश विधानसभा चुनाव में युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कंधों पर कांग्रेस की नैया पार लगाने की बड़ी जिम्मेदारी है। पार्टी ने चुनाव में इन्हें बूथ मैनेजमेंट का जिम्मा सौंपने का निर्णय लिया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव व हिमाचल के सह प्रभारी संजय दत्त युवा कांग्रेस और एनएसयूआई पदाधिकारियों के साथ बैठक भी कर चुके।

पिछले पौने पांच सालों के दौरान कांग्रेस के इन दोनों अग्रणी संगठनों ने मुखर होकर सरकार के खिलाफत की थी। अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व अपनी युवा ब्रिगेड को यह अहम जिम्मेदारी दे रहा है। युवाओं को विधानसभा चुनाव में बूथ स्तर कर जिम्मेदारी संभालने को कहा दिया गया है।

इससे पहले एक बैठक प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी दोनों संगठनों के पदाधिकारियों के साथ कर चुके हैं। इस बैठक में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास वीबी भी पहुंचे थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने भी पीसी कर भाजपा पर निशाना साधा था, लेकिन अब तक कोई बड़ा नेता हिमाचल का दौरा नहीं कर पाया है।

प्रियंका सोलन से करेंगी आगाज

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने बताया कि प्रियंका गांधी की रैली प्रस्तावित है, उनके दौरे के बाद अन्य बड़े नेताओं के दौरे तय किए जाएंगे और साथ ही कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हिमाचल में चुनावी दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द ही स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी करेगी।

चौहान ने बताया कि चारों संसदीय सीटों पर प्रियंका की रैली करवाई जाएगी और इसका आगाज सोलन से किया जाएगा। इस रैली में कांग्रेस के कई बड़े राष्ट्रीय नेताओं को भी बुलाया जाएगा। छत्तीसगढ़ के सीएम और हिमाचल चुनाव के कांग्रेस के पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, सचिन पायलट समेत कई नेताओं के नाम शामिल हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बुलाया जा सकता है। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं और सोनिया गांधी का स्वास्थ्य के चलते दौरा तय नहीं हो पाया है।

चार सीटों पर फंसा पेंच

हिमाचल कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने गत शुक्रवार को करीब पांच घंटे तक चुनाव को लेकर बैठक की। बैठक में पेचीदा सीटों को लेकर चर्चा की गई। कुल मिलाकर, 29 सीटों पर कांग्रेस की आम सहमति नहीं बन पाई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने हाल ही में हुई पहली बैठक में सभी 20 मौजूदा विधायकों सहित 39 उम्मीदवारों को मंजूरी मिली थी। वहीं पेंडिंग में से मंडी, धर्मशाला, शाहपुर और भरमौर सीटें पेचीदा हैं जिस पर फैसला लेने में परेशानी हो रही है।

बड़ा रोल निभा सकती है आम आदमी पार्टी

इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी की दावेदारी के बाकी दल सकते में है। दिल्ली के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन ने बाकी राजनीतिक दलों को सोचने पर विवश कर दिया है। बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव के मद्देनजर जिला मंडी का दौरा इसी साल अप्रैल माह में किया और जनता को वादा किया है कि अगर उनकी सरकार चुनकर आती है तो हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली और युवाओं को 6 लाख सरकारी रोजगार देंगे।

राजन सुशांत की वापसी, मिला बड़ा चेहरा

पूर्व सांसद एवं मंत्री राजन सुशांत ने एक बार फिर से आम आदमी पार्टी में वापसी कर ली है। गत शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में मंडी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी में राजन सुशांत की वापसी के साथ आप को जिला कांगड़ा सहित हिमाचल में एक बड़ा चेहरा मिल गया है।

जिला कांगड़ा को हिमाचल विधानसभा की "चाबी" माना जाता है। हिमाचल के चुनाव में कांगड़ा जिले का बहुत महत्व है। जिले में 15 सीटें हैं, जो सरकार की दशा और दिशा तय करती हैं। इसीलिए भाजपा और कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी का भी आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांगड़ा जिला पर विशेष फोकस है। सुशांत की वापसी से कांगड़ा जिला में पार्टी को एक बड़ा नेता मिल गया है।

सर्वे में मोदी पर भरोसा, जयराम से असंतुष्ट!

बीते दिनों एक मीडिया हाउस के सी-वोटर सर्वे में हिमाचल प्रदेश के 66 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी का कामकाज अच्छा है। 19 फीसदी लोगों ने पीएम के काम को खराब बताया। वहीं, 15 फीसदी लोगों ने पीएम के काम को औसत बताया है। सर्वे के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कामकाज को लेकर राज्य की जनता की राय उनके पक्ष में नहीं जा रही है। दरअसल, सर्वे में सबसे ज्यादा 35 फीसदी लोगों ने सीएम जयराम ठाकुर के कामकाज को खराब बताया है। 33 फीसदी लोगों ने कहा कि सीएम जयराम का काम अच्छा है। वही, 32 फीसदी लोगों ने इसे औसत बताया।

हिमाचल में है सत्ता परिवर्तन की परंपरा

हिमाचल प्रदेश में बीते काफी समय से सत्ता परिवर्तन की परंपरा है। इस परंपरा के अनुसार 1985 के बाद से हर 5 साल में सत्ता बदली है। इस मिथक के अनुसार भाजपा और कांग्रेस को जनता ने बारी-बारी से हर 5 साल में कुर्सी पर बैठाया है। यदि इस मिथक कांग्रेस को 2022 में सत्ता मिलने की उम्मीद है। भाजपा इस मिथक को तोड़ने की तैयारी में है।

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