झारखंड

Deogarh Ropeway Rescue: जहां ट्रॉली से सैंकड़ों श्रद्धालु जाते हैं, आखिर वहां कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा

Deogarh Ropeway Rescue: आखिरी ट्राॅली में फंसे दो और लोगों को बचा लिया गया है। अब सिर्फ 2 लोग फंसे हैं। ऑपरेशन तीसरे दिन 5 घंटे से चल रहा है।

ChandraVeer Singh

Deogarh Ropeway Rescue: झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) में रोपवे हादसे में 36 घंटे बाद भी रेस्क्यू जारी है। आखिरी ट्राॅली में फंसे दो और लोगों को बचा लिया गया है। ऑपरेशन तीसरे दिन 5 घंटे से चल रहा है।

वायुसेना के जवानों ने हेलीकॉप्टर से 2500 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर रोपवे की तीन ट्रॉलियों में फंसे 12 को बचाया। अब तक 32 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। इससे पहले 4 ट्रॉलियों में 15 जिंदगियां हवा में लटकी हुई थीं। इनमें एक गरुड़ कमांडो भी था। मंगलवार सुबह छह बजे से एक बार फिर सेना के जवानों ने सभी को बचाने में जुटी हुई है।

बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद हैं। जिस परिवार के लोग नीचे नहीं उतर पाए, उनके माथे पर चिंता साफ देखी जा रही है, लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि जहां रोजाना कई सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और ट्रॉलियों से त्रिकुट पर्वत पहुंचते हैं, वहां इतना बड़ा हादसा आखिर हो कैसे गया?

एक महिला को निकालते समय ट्रॉली से नीचे गिर गई। सेल्फी बेल्ट बंधे होने के कारण उसकी जान बच गई है।
ट्रॉली में सिर्फ 1 व्यक्ति बचा है। तीसरे दिन 6 घंटे से ऑपरेशन चल रहा है। एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों ने हेलिकॉप्टर से 2500 फीट ऊंचाई पर पहुंचकर रोप-वे की तीन ट्रॉलियों में फंसे 12 को निकाल लिया है।
झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे हादसे के तीसरे दिन जान बचाने की रेस्क्यू जारी है। आखिरी ट्रॉली में फंसे 3 और लोगों को निकाल लिया गया है। एक महिला को निकालते समय ट्रॉली से नीचे गिर गई। सेल्फी बेल्ट बंधे होने के कारण उसकी जान बच गई है। रस्सी के सहारे जमीन पर उतारने की कोशिश की गई। इसी दौरान वह फिर झटके से जमीन पर गिर गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया?

रविवार को रामनवमी का दिन था। हर दिन की तरह उस दिन भी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की संख्या अधिक थी तो सभी ट्रालियां खोल दी गईं। एक साथ कई ट्रालियां रवाना की गईं। इस लापरवाही से रोपवे के केबल पर लोड बढ़ गया और एक रोलर टूट गया। वहां मौजूद लोगों के मुताबिक रोलर टूटते ही एक के बाद एक ट्रालियां पहाड़ से टकरा गईं। इनमें से दो लुढ़क कर गिर पड़े। कई श्रद्धालु घायल हो गए और कई हवा में लटकने लगे।

36 घंटे बाद भी रेस्क्यू जारी

जहां ट्रॉलियां फंसी हैं, वहां हर तरफ पहाड़ी और 2500 फीट नीचे खाई है। लोग इतनी ऊंचाई पर फंस गए हैं कि रेस्क्यू में मुश्किलें आ रही हैं, वहीं जवान श्रद्धालुओं की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। रविवार शाम से लोगों को निकालने के प्रयास जारी है। मौके पर थल सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन भी जुटा हुआ है। बच्चों को पहले ट्रॉली से नीचे उतारकर कैंप में रखा गया। सेना के जवान लगातार उनका हौसला बढ़ाते रहे हैं।
वायु सेना, सेना और NDRF की टीमें अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि तीन ट्रॉली सबसे ऊंचाई पर हैं। रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचने में कठिनाई आ रही है।

हाईकोर्ट ने मामले की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल तक मांगी

झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने देवघर में रोपवे हादसे पर संज्ञान लिया है। अदालत ने राज्य सरकार से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल को मांगी है। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2009 में इस तरह की गड़बड़ी हुई थी, लेकिन उससे सबक नहीं लिया गया और दोबारा घटना हुई है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर महाधिवक्ता ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है। बचाव एवं राहत कार्य जोरों पर है। अब कुछ लोग ही फंसे हैं जिन्हें निकाला जा रहा है।

हेलीकॉप्टर से गिरने से एक की मौत

बचाव कार्य में सेना के जवान पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। बताया जा रहा है कि तीन ट्राली सबसे ज्यादा ऊंचाई पर फंसी हुई हैं। वहां से सुरक्षित बचाव के लिए एक स्थान पर काम कर बचाव को आगे बढ़ाया जा रहा है। रोपवे तार के कारण वहां पहुंचना मुश्किल है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बचाव के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूटने से एक व्यक्ति की हेलीकॉप्टर से नीचे गिरने से मौत हो गई। इस तरह मरने वालों की संख्या तीन हो गई है जबकि 12 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

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