झारखंड के जमशेदपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बुजुर्ग हाथ में आंख लेकर सरकारी अस्पताल में पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान उसकी असली आंख निकालकर खेलने वाली कांच की गोली लगा दी। इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। पीड़ित आदिवासी गंगाधर सिंह ने केसीसी अस्पताल प्रबंधन और ऑपरेशन वाले डॉक्टरों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
जमशेदपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच बने आदिवासी बहुल गांव में करीब 15 घर है। इन्हीं घरों में से एक घर पीड़ित गंगाधर सिंह का है। कुछ दिनों से उनकी आखों से पानी आ रहा था। गांव में एक महिला आई। बुजुर्ग गंगाधर सिंह ने अपनी आंख की समस्या के बारे उसे बताया। महिला ने उनके इलाज का भरोसा दिया और एक एनजीओ से बात करने को कहा।
18 नवंबर 2021 को बुजुर्ग गंगाधर सिंह को अस्पताल लेकर ले जाया गया। उनके साथ गांव के ही देवा मुर्मू, छिता हांसदा, भानु सिंह, मांझोल सिंह और टेटे गिरी सहित दो अन्य व्यक्तियों का भी ऑपरेशन किया गया। दूसरे दिन ऑपरेशन के बाद सभी को घर भेज दिया। इसके कुछ दिन बाद गंगाधर की आंखों में खुजली होने लगी। इसके बाद गंगाधर को फिर जमशेदपुर, रांची और कोलकाता ले जाया गया था लेकिन उसके बावजूद भी समस्या ठीक नहीं हुई। दिन पर दिन उनकी समस्या बढ़ती गई।
आंखों में खुजली और जलन इतनी बढ़ गई कि वो अपने दोनों हाथों से मसलने लगे। फिर उन्होंने आंखों में पानी डाला। उनका कहना है कि इसके बाद आंख में लगी कांच की गोली बाहर आ गई। जिसे देखकर वो डर गए। तुरंत ही वो अपनी आंख लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरी जांच के बाद बता चला कि उनकी आंख निकालकर नकली लगा दी गई है। इस सच्चाई के बाद पूरे अस्पताल प्रशासन में हड़ंकप मच गया और मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने एक बैठक बुलाई। वहीं, जिस महिला के द्वारा आपरेशन कराया गया है उसे ढूंढा जा रहा है।
इस मामले पर सिविल सर्जन शाहिद पाल का कहना है कि गंगाधर की आंख का ऑपरेशन जिस सर्जन की देखरेख में हुआ उसकी जांच की जा रही है। जांच में हमने पाया कि आंख की जगह एक बच्चों को खिलौने वाली गोली लगाई है, जो एक घोर अपराध है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।