उज्जैन के रुद्रसागर इलाके में महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं में अचानक भगदड़ मच गई। सावन का सोमवार होने की वजह से यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह मोर्चा संभाला। बताया जा रहा है कि बारिश के कारण श्रद्धालु टिन शेड के नीचे खड़े थे। तभी टिन शेड गिरने से कुछ श्रद्धालुओं के घायल होने की भी बात सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस की टीम मौके पर मोर्चा संभाल रही है।
बारिश के कारण श्रद्धालु टिन शेड के नीचे खड़े हो गए। भक्तों की संख्या बढ़ने से क्षेत्र में दबाव बढ़ गया और टिन शेड ढह गया, जिससे भक्तों को चोटें आईं। हालांकि पुलिस ने तुरंत यहां मोर्चा संभाल लिया।
सावन महीने का दूसरा सोमवार होने के कारण देश भर से हजारों की संख्या में लोग महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन करने आते हैं। यही कारण रहा कि जिला पुलिस-प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से की गई भविष्यवाणी पूरी तरह विफल रही। हालात यह हो गए कि भीड़ में दबकर श्रद्धालु बेहोश हो गए, जिन्हें उनके परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
गुना के आरोन निवासी प्रीतम मीणा व गजेंद्र सिंह परिवार के 14 सदस्यों के साथ बीती रात महाकाल के दर्शन करने आए थे। वे सुबह मंदिर के सामने आम दर्शकों की कतार में खड़े थे। भीड़ और चहल-पहल के बीच वे मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ रहे थे, तभी पीछे से शोर के साथ भीड़ का दबाव बढ़ गया, जिससे प्रीतम मीणा और गजेंद्र सिंह बेहोश हो गए।
प्रीतम और गजेंद्र के परिजनों ने बताया कि हम दोनों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकालकर मंदिर की ओर लेकर आये। यहां पुलिसकर्मियों और मंदिर समिति के कर्मचारियों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। हमें पहले से पता नहीं था कि मंदिर दर्शन में इतनी परेशानी होगी और भीड़ में कोई मददगार नहीं होगा। नहीं तो यहां आने से पहले 10 बार सोच लें। अन्य लोग भी भीड़ में दब रहे थे, लेकिन पुलिस और गार्ड लाठी दिखाकर ही घूम रहे थे।
प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तत्काल इलाज के लिए एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम को तैनात किया गया है, लेकिन मंदिर में दर्शन के लिए न तो एंबुलेंस थी और न ही कोई डॉक्टर मौजूद था। दोनों बेहोश लोगों को ऑटो में बिठाकर जिला अस्पताल ले जाया गया। प्रीतम और गजेंद्र के परिजनों ने बताया कि मौके पर एंबुलेंस न होने के कारण हमें दोनों को ऑटो रिक्शा से अस्पताल ले जाना पड़ा।